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आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद बोले, कांग्रेस का साथ छोड़कर एसपी-बीएसपी गठबंधन ठीक नहीं

एसपी-बीएसपी गठबंधन से कांग्रेस के बाहर होने पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद की प्रतिक्रिया सामने आई है.

Updated on: 13 Jan 2019, 06:56 PM

नई दिल्ली:

इस साल की शुरुआत के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. 25 सालों से ज्यादा समय तक एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे बीएसपी और एसपी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव एक-साथ लड़ने का ऐलान किया.  हालांकि, इस गठबंधन से कांग्रेस बाहर है. दोनों दलों ने 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. एसपी-बीएसपी गठबंधन से कांग्रेस के बाहर होने पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद की प्रतिक्रिया सामने आई है. आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा, 'कांग्रेस एसपी-बीएसपी गठबंधन से बाहर है जो कि गलत है. भविष्य के लिए यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर ठीक नहीं है.

आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने सुझाव दिया कि सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को गठबंधन में जोड़कर गलती को ठीक किया जा सकता है. आरजेडी बिहार में महागठबंधन का हिस्सा है जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एस) और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल है. रघुवंश प्रसाद ने एसपी-बीएसपी गठबंधन को राष्ट्रीय स्तर की राजनीति के लिए सही नहीं बताया. इससे पहले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एस) भी एसपी-बीएसपी के गठबंधन से बाहर कांग्रेस को लेकर प्रतिक्रिया दे चुकी है.

बता दें कि शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश और मायावती ने गठबंधन का ऐलान किया. दोनो नेताओं ने आगामी लोकसभा में मिलकर बीजेपी से लड़ने की घोषणा की. चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहकर किया कि उनकी घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की 'गुरु-चेला' जोड़ी की नींद उड़ने वाली है. यूपी में 80 लोकसभा सीटों के लिए दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर लड़ेंगी.

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रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन के पास भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोकने की क्षमता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं, जबकि उसके साझेदार अपना दल ने दो सीटें जीती थी. बीएसपी का खाता भी नहीं खुला था. एसपी ने पांच सीटों पर जीती थी, जबकि कांग्रेस दो सीटें जीती थी.