logo-image

Ayodhya Dispute: एक बार फिर छह हफ्ते के लिए टली अयोध्या मामले की सुनवाई

Ayodhya Dispute: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 के अपने फैसले में विवादित स्थल को तीन भागों- रामलला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकारों में बांट दिया था.

Updated on: 26 Feb 2019, 12:09 PM

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद (रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) पर सुनवाई शुरू हो गई है. अयोध्या विवाद पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर वाली 5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. मंगलवार को कोर्ट ने साफ किया कि अयोध्या केस की अगली सुनवाई  8 हफ्ते बाद होगी. कोर्ट ने सभी पक्षों दस्तावेजों का अनुवाद देखने के लिए 6 हफ्ते दिए हैं.मध्यस्थता पर कोर्ट अगले मंगलवार को आदेश देगा.

इससे पहले जस्टिस बोबड़े की अवकाश पर रहने के कारण 29 जनवरी को सुनवाई टल गई थी.संविधान पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित स्थल को तीन भागों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 के अपने फैसले में विवादित स्थल को तीन भागों- रामलला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकारों में बांट दिया था. कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा है. स्वामी ने अयोध्या में विवादित स्थल पर पूजा करने की इजाजत मांगने के लिए याचिका डाली थी जिस पर अभी तक सुनवाई नहीं हो पाई. चीफ जस्टिस ने उन्हें मंगलवार की सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा है.

calenderIcon 11:48 (IST)
shareIcon

जस्टिस बोबड़े- हम एक प्रोपर्टी विवाद को निश्चित तौर पर सुलझा सकते है, पर हम रिश्तों को बेहतर करने पर विचार कर रहे है

calenderIcon 11:48 (IST)
shareIcon

जस्टिस बोबडे ने कहा-मेडिएशन की प्रकिया गोपनीय रहेगी और ये भूमि विवाद की सुनवाई के साथ साथ चलेगी। हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों दोनों का कहना है कि पहले भी अदालत की पहल पर इस तरह से विवाद को सुलझाने की कोशिश नाकामयाब हो चुकी है. मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा- मेडिएशन को एक चांस दिया जा सकता है, पर हिन्दू पक्ष को ये क्लियर होना चाहिए कि कैसे आगे बढ़ा जाएगा

calenderIcon 11:47 (IST)
shareIcon

जस्टिस बोबड़े के इस ऑफर पर मुस्लिम पक्षकारो की ओर से पेश वकील राजीव धवन धवन ने सफलता पर शक जताया. धवन ने कहा- ये गंभीरता से हो. मीडिया भी रिपोर्ट न करे. रामलला की ओर से पेश वकील वैद्यनाथन- पहले ऐसी कई कोशिश विफल हुई हैं.

calenderIcon 11:46 (IST)
shareIcon

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अयोध्या भूमि में मध्यस्थ बनने का ऑफर किया।


जस्टिस बोबड़े ने कहा-- कि क्या कोई वैकल्पिक समझौते का रास्ता हो सकता है, जिससे इस विवाद को सुलझाया जा सके


जस्टिस बोबड़े - ये कोई निजी संपत्ति को लेकर विवाद नहीं है, मामला पूजा-अर्चना के अधिकार से जुड़ा है।अगर समझौते के जरिए 1प्रतिशत भी इस मामले के सुलझने चांस हो, तो इसके लिए कोशिश होनी चाहिए

calenderIcon 11:45 (IST)
shareIcon

चीफ जस्टिस ने मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश वकील राजीव धवन से पूछा- दस्तावेजों के अनुवाद को परखने में कितना वक़्त लेंगे


राजीव धवन -8-12 हफ्ते क् वक़्त लगेगा

calenderIcon 11:44 (IST)
shareIcon

रामलला की ओर से पेश वकील सी एस वैधनाथन ने दिसंबर 2017 के फैसले का हवाला दिया । जिसमे किसी भी पक्ष की ओर से पेश AOR ( एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) ने अनुवाद को लेकर सवाल नहीं उठाया था।कहा- अब दो साल बाद वो फिर से अनुवाद की तथ्यता को लेकर सवाल उठा रहे है

calenderIcon 10:57 (IST)
shareIcon

मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा कि हमे अनुवाद को देखना होगा, तभी कुछ राय बना सकते हैं

calenderIcon 10:57 (IST)
shareIcon

रामलला की ओर से पेश वकील सी एस वैद्यनाथन ने कहा कि यूपी सरकार की ओर से अनुवाद पहले ही हो चुका है, जिसने सबने स्वीकार किया था

calenderIcon 10:54 (IST)
shareIcon

दरअसल सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की रिपोर्ट में बताया गया कि अभी भी हजारों पेज के दस्तावेजों के अनुवाद को कोर्ट के ऑफिसियल ट्रांसलेटर द्वारा अनुवाद किया जाना बाक़ी है। इसलिए चीफ जस्टिस ने सभी पक्षकारों से पूछा है कि क्या वो यूपी सरकार और दूसरे पक्षकारो से कराये गए अनुवाद को स्वीकारने के लिए तैयार है या नहीं.

calenderIcon 10:50 (IST)
shareIcon

चीफ जस्टिस-- जब सब पक्षकार दस्तावेजों के सही अनुवाद को लेकर निश्चिंत हो जायेंगे, हम सुनवाई शुरू कर सकते हैं

calenderIcon 10:50 (IST)
shareIcon

चीफ जस्टिस ने साफ किया कि एक् बार जब हम अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू कर देंगे, हम नहीं चाहते कि कोई भी पक्षकार दस्तावेजों के अनुवाद में खामी का हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग करे

calenderIcon 10:50 (IST)
shareIcon

सेकेट्री जनरल ने दस्तावेजों के अनुवाद को लेकर कोर्ट की रिपोर्ट सौंप दी है। चीफ जस्टिस ने कहा- सेक्रेट्री जनरल की रिपोर्ट की कॉपी सभी पक्षकारो के वकीलो को सौंपी जाएगी