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भारतीय सेना के जांबाज ने फिर किया देश का सिर ऊंचा, चौड़ा हो गया भारत का सीना

अनिल पुरी ने 1200 किलोमीटर की फ्रांस की सबसे पुरानी और कठिन साइकिल स्पर्धा पूरी की है. इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वे भारतीय सेना के पहले लेफ्टिनेंट जनरल बन गए हैं.

Updated on: 25 Aug 2019, 03:42 PM

highlights

  • अनिल पुरी ने फ्रांस की 1200 किमी जटिल साइकिल स्पर्धा पूरी की.
  • ऐसा करने वाले भारतीय सेना के पहले लेफ्टिनेंट जनरल बने.
  • 56 वर्षीय पुरी ने 90 घंटे लगातार साइकिल चला मुकाम हासिल किया.

नई दिल्ली.:

भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक ऐसे कारनामे को अंजाम दिया है, जिससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. अनिल पुरी ने 1200 किलोमीटर की फ्रांस की सबसे पुरानी और कठिन साइकिल स्पर्धा पूरी की है. इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वे भारतीय सेना के पहले लेफ्टिनेंट जनरल बन गए हैं. भारत से 367 प्रतियोगियों ने इसमें हिस्सा लिया था, लेकिन सिर्फ 80 ही सफलतापूर्वक इसे पूरा कर पाए. इसमें 60 देशों के कुल 6500 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया.

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एवरेस्ट सरीखी ऊंचाई है चढ़ाई
यह सर्किट बेहद मुश्किल माना जाता है. इस सर्किट की सबसे बड़ी चुनौती तो इसकी चढ़ाई है. इसके मुश्किल हालातों का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि एक प्रतियोगी को रेस पूरा करने के लिए करीब 31 हजार फीट की ऊंचाई पर चढ़ना पड़ता है. यह ऊंचाई माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बराबर है और वह भी बिना सोए. ऐसे में 56 वर्षीय पुरी ने पेरिस ब्रेस्ट-पेरिस सर्किट पर करीब 90 घंटे लगातार साइकिल चलाकर यह मुकाम हासिल किया.

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अनिल पुरी ने बगैर रुके पूरे किए 1000 किमी
बेहद कठिन मानी जाने वाली यह रेस पेरिस के उपनगर रामबॉलेट से शुरू हुई और फ्रांस के ब्रेस्ट मिलेट्री पोर्ट पर समाप्त हुई. जनरल पुरी भारतीय सेना के उन 6 अधिकारियों में से एक थे, जिन्होंने इस रेस में हिस्सा लेने से पहले बिना रुके 1000 किमी की रेस पूरी की. सर्किट पूरा करने के बाद जनरल पुरी ने कहा कि उस दौरान अनुभव बहुत ही अलग था. मानव मन एक बहुत ही सुंदर मशीन है जिसे उत्साहित रखने की आवश्यकता है.