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208 अकादमिक विद्वानों का PM मोदी को खत, शिक्षा का माहौल खराब कर रहे लेफ्ट विंग के लोग

कई विश्वविद्यालयों के अकादमिक विद्वानों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि छात्र राजनीति के नाम पर छात्र वामपंथी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. लगातार शिक्षा का माहौल खराब किया जा रहा है.

Updated on: 13 Jan 2020, 12:01 AM

नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में छात्रों के बवाल के बाद अब देश के 200 से अधिक अकादमिक जगत के विद्वानों ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर लेफ्ट विचारधारा से जुड़े लोगों पर शिक्षण का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री को पद लिखने वालों में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर भी शामिल हैं. इन लोगों ने पत्र लिखकर कहा कि लेफ्ट विंग लगातार देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है.

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इन अकादमिक विद्वानों ने प्रधानमंत्री से कहा है कि उनका मानना है कि छात्र राजनीति के नाम पर वामपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री को जेएनयू और एएमयू सहित जाधवपुर विश्वविद्यालय की घटनाओं की भी हवाला दिया. प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी तिवारी, साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति एचसीएस राठौर और सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के वीसी शिरीष कुलकर्णी शामिल हैं. प्रधानमंत्री को 'शिक्षण संस्थानों में लेफ्ट विंग की अराजकता के खिलाफ बयान' शीर्षक से लिखे गए पत्र में कुल 208 अकादमिक विद्वानों के हस्ताक्षर हैं.

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लेफ्ट ने बोलने पर लगाई पाबंदी
इस पत्र को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देशभर में लगातार हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बाद इसे सरकार की ओर से समर्थन जुटाने की कोशिश के तौर पर माना जा रहा है. इस पत्र में लेफ्ट से जुड़े समूहों पर जोरदार हमला बोला गया है. इसमें कहा गया है कि लेफ्ट ने एक तरह से बोलने पर पाबंदी लगा दी है. सार्वजनिक कार्यक्रमों में कुछ भी खुलकर साफ नहीं बोल सकते हैं.