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भारत रत्न प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख के बारे में जानें सबकुछ यहां

इस साल 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तीन नामचीन हस्तियों नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था.

Updated on: 08 Aug 2019, 07:16 PM

नई दिल्‍ली:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को भारत रत्न से नवाजा. इस साल 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तीन नामचीन हस्तियों भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख और प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. 

जानें प्रणब मुखर्जी के बारे में सबकुछ

  • साल 2017 में राष्ट्रपति पद से निवृत्त हुए प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न मिलना सभी के लिए चकित करने वाला रहा है. राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध थे. उन्होंने ढाई साल नरेंद्र मोदी सरकार के अंतर्गत काम किया था.
  • भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले के मिराती नामक गांव हुआ. 
  • उनके पिता श्री कामदा किंकर मुखर्जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे और बाद में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया.
  • प्रणब मुखर्जी ने वीरभूमि जिले के सुरी विद्यासागर कॉलेज से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की.
  • इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर (M.A) और विधि (L.L.B) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
  • प्रणब मुखर्जी 13 जुलाई, 1957 को सुव्रा मुखर्जी के साथ परिणय सूत्र में बंधे. इन दोनों के दो पुत्र और एक पुत्री हैं.
  • पुत्रों का नाम है अभिषेक मुखर्जी और अभिजीत मुखर्जी. पुत्री का नाम है शर्मिष्ठा मुखर्जी.
  • प्रणब मुखर्जी को राजनीतिक हलके में प्यार से लोग प्रणब दा के नाम से बुलाते हैं.
  • प्रणब दा सक्रीय राजनीति में रहते हुए भी हर साल दुर्गा पूजा के अवसर पर अपने गांव मिराती जरूर जाते रहे हैं.
  • उन्हें पाइप पीना, डायरी लिखना, खूब किताबे पढ़ना, बागवानी करना और संगीत सुनना बेहद पसंद है.
  • अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद प्रणब मुखर्जी कलकत्ते में ही पोस्ट एंड टेलिग्राफ विभाग में डेप्युटी अकाउंटेंट जनरल के पद पर नियुक्त थे. वह इस विभाग में अपर डिविजन क्लर्क थे.
  • प्रणब दा ने 1963 में पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में स्थित विद्यानगर कॉलेज में कुछ समय के लिए राजनीति शास्त्र भी पढ़ाया.
  • उन्होंने कुछ समय के लिए 'देशेर डाक' नामक समाचार पत्र में पत्रकार की भूमिका भी निभाई.
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उस उपचुनाव में प्रणब मुखर्जी के चुनावी रणनीतिक कौशल से बहुत ज्यादा प्रभावित हुईं और उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनाकर राज्यसभा भेज दिया.
  • प्रणब दा साल 1969 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पहली बार उच्च सदन यानी राज्यसभा पहुंचे.
  • फरवरी 1973 से जनवरी 1974 तक वह 'इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट मिनिस्टर' रहे.
  • जनवरी 1974 से अक्टूबर 1974 तक वह 'शिपिंग एंड ट्रांस्पोर्ट मिनिस्टर' रहे.
  • अक्टूबर 1974 से दिसंबर 1975 तक वह 'वित्त राज्य मंत्री' रहे.
  • जुलाई 1975 में वह दूसरी बार राज्यसभा के लिए चयनित हुए.
  • एक कांग्रेसी नेता के रूप में राजनीति में नई ऊंचाइयों को छू चुके मुखर्जी (84) ने पिछले साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नागपुर स्थित मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होकर विवाद खड़ा कर दिया था.

जानिए कौन थे भूपेन हजारिका?

कवि, सिंगर, गीतकार और फिल्म निर्माता हजारिका का 85 वर्ष की आयु में 2011 में निधन हो गया था. उन्होंने असमिया लोक गीत और संस्कृति को हिंदी सिनेमा में लाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी. आज भूपेन हजारिका की ओर से उनके बेटे तेज हजारिका ने भारत रत्‍न का अवार्ड राष्‍ट्रपति के हाथों प्राप्‍त किया.

  • हजारिका को कई भाषाओं का ज्ञान था.
  • एक बार वो कोलंबिया यूनिवर्सिटी गए, जहां उनकी मुलाकात प्रियम्वदा पटेल से हुई.
  • दोनों ने यूएस में ही साल 1950 में दोनों ने शादी कर ली.
  • 1952 में उनका बेटा तेज हजारिका हुआ.
  • 1953 में हजारिका अपने परिवार के साथ भारत लौट आए लेकिन दोनों ज्यादा समय तक साथ नहीं रह पाए.
  • भारत आकर हजारिका ने गुवाहाटी यूनिवसिर्टी में टीचर की जॉब की.
  • बहुत समय तक वो टीचर की नौकरी नहीं कर पाए और रिजाइन दे दिया.
  • पैसों की तंगी की वजह से उनकी पत्नी प्रियम्वदा ने उन्हें छोड़ दिया.
  • इसके बाद हजारिका ने म्यूजिक को ही अपना साथी बना लिया.
  • उन्होंने 'रुदाली', 'मिल गई मंजिल मुझे', 'साज', 'दरमियां', 'गजगामिनी', 'दमन' और 'क्यों' जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत दिए.
  • हजारिका ने अपने जीवन में एक हजार गाने और 15 किताबें लिखीं.
  • इसके अलावा उन्होंने स्टार टीवी पर आने वाले सीरियल 'डॉन' को प्रोड्यूस भी किया था.
  • म्यूजिक के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए उन्हें 1975 में राष्ट्रीय पुरस्कार और 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया.
  • इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और इसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
  • उनके यादगार गानों में 'दिल हूं हूं' और 'जूठी मूठी मितवा' है.

जानिए कौन थे नानाजी देशमुख?

इसके बाद भारत रत्न के लिए तीसरी पसंद नानाजी देशमुख एक आरआरएस प्रचारक थे, जो 60 के दशक में उत्तर प्रदेश के प्रभारी बनकर उभरे थे. 1980 के दशक में बीजेपी के शिल्पकारों में से एक थे.

देशमुख ने दीन दयाल उपाध्याय द्वारा स्थापित एकात्म मानववाद के दर्शन को फैलाने के लिए 1972 में दीनदयाल अनुसंधान संस्थान (डीडीआरआई) की स्थापना की थी. सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद उन्होंने आत्मनिर्भरता के लिए चित्रकूट परियोजना शुरू की. 27 फरवरी, 2010 को नानाजी देशमुख का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया.