logo-image

कामयाबी के शिखर पर पहुंचा तो पता चला दुनिया..., वीजी सिद्धार्थ का आखिरी कलाम

पत्र में उन्‍होंने Cafe Coffee Day के कर्मचारियों के लिए ढेर सारी बातें लिखी. उन्‍होंने लिखा है कि कर्मचारियों ने भरोसा किया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

Updated on: 31 Jul 2019, 08:39 AM

highlights

  • वीजी सिद्धार्थ ने कंपनी की सभी वित्‍तीय लेन-देन की जिम्‍मेदारी ली
  • साथ देने के लिए कर्मचारियों का आभार जताया
  • पत्र में लिखा- एक उद्यमी के रूप में विफल रहने की बात कही 

नई दिल्‍ली:

वीजी सिद्धार्थ की डेडबॉडी मिल गई है. वे सोमवार शाम से लापता थे और तब से ही उनकी तलाश की जा रही थी. इस बीच कथित रूप से उनका लिखा एक खत सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. पत्र में उन्‍होंने Cafe Coffee Day के कर्मचारियों के लिए ढेर सारी बातें लिखी. उन्‍होंने लिखा है कि कर्मचारियों ने भरोसा किया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद. वीजी सिद्धार्थ ने पत्र में भावुक कर देने वाली बात भी लिखी है. उन्‍होंने लिखा- "मेहनत करके कामयाबी के शिखर पर पहुंचा तो पता चला कि दुनिया कितनी खोखली है."

यह भी पढ़ें : BIG NEWS : Cafe Coffee Day के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सोमवार शाम से थे लापता

वीजी सिद्धार्थ ने कर्मचारियों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लिखे पत्र में सभी वित्तीय लेनदेन की जिम्मेदारी लेते हुए कहा- कानून को उन्हें और सिर्फ उन्हें जवाबदेह रखना चाहिए. उन्होंने पत्र में लिखा है कि उन सभी लोगों को जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया उनको निराश करने के लिए मुझे बेहद अफसोस है.

उन्होंने लिखा है कि उन्होंने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी, लेकिन आज उन्होंने हार मान ली क्योंकि वे और दबाव नहीं बना सकते थे. उन्होंने आगे लिखा कि उनका इरादा कभी भी किसी को धोखा देने या गुमराह करने का नहीं था. उन्होंने लिखा है कि वे एक उद्यमी के रूप में विफल रहे.

यह भी पढ़ें : लापता होने से पहले कॉफी किंग CCD के मालिक ने इसे किया था आखिरी कॉल, कही थी ये बात

पत्र में उन्‍होंने यह भी उम्‍मीद जताई है कि किसी दिन आप मुझे समझेंगे और माफ कर देंगे. उन्होंने कर्मचारियों से नए मैनेजमेंट के साथ मजबूती के साथ काम करने का आग्रह किया है. उन्होंने लिखा है कि वे सभी गलतियों के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं. सभी वित्तीय लेनदेन की जिम्मेदारी उनकी है. टीम, ऑडिटर्स और सीनियर मैनेजमेंट को इन ट्रांजेक्शन की जानकारी नहीं थी.