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'दही-चूड़ा' लेकर लालू यादव से मिलने जेल पहुंचे आरजेडी कार्यकर्ता, नहीं मिली इजाजत

रांची की एक अदालत से चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को मौजूदा समय में रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में रखा गया है। अदालत ने लालू को साढ़े तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है।

Updated on: 14 Jan 2018, 10:25 PM

highlights

  • मकर संक्रांति पर लालू यादव के घर पर नहीं हुआ दही-चूड़ा भोज
  • जेल में दही-चूड़ा लेकर पहुंचे कार्यकर्ता, प्रशासन ने वापस लौटाया

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव के सैकड़ों समर्थक रविवार को मकर संक्रांति के अवसर पर 'दही-चूड़ा' और 'तिलकुट' के साथ जेल पहुंचे, लेकिन वह लालू से मिलने में नाकामयाब रहे और उन्हें निराश लौटना पड़ा।

रांची की एक अदालत से चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को मौजूदा समय में रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में रखा गया है। अदालत ने लालू को साढ़े तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है।

यह जानते हुए कि लालू यादव से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है, फिर भी आरजेडी के कार्यकर्ता जेल पहुंचे। फिर भी, जेल की नियमावली के अनुसार लालू के लिए लाए गए सभी सामानों को जेल के प्रवेश द्वार पर जमा कर लिया और रजिस्टर में इन्हें दर्ज करने के बाद उन्हें (लालू को) सौंप दिया गया।

लालू यादव के समर्थकों ने बीते सालों में पटना में मकर संक्रांति पर लालू के आवास पर 'दही-चूड़ा' का आनंद लेने की बात याद की। समर्थकों ने इस बात पर संतोष जताया कि इस बार वे लोग अपने नेता के लिए 'दही-चूड़ा' लेकर आए।

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एक कार्यकर्ता जानकी यादव ने कहा, 'हम निराश हैं क्योंकि हम अपने नेता के साथ इस बार मकर संक्रांति नहीं मना रहे हैं। मैं लालू जी के लिए 'तिलकुट' और 'दही-चूड़ा' लाया गया था लेकिन मुझे उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिली।'

मकर संक्रांति के मौके पर हल साल पटना में लालू प्रसाद के आवास पर 'दही-चूड़ा' भोज का आयोजन किया जाता रहा है। इसमें राजद कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा दूसरे दलों के नेता भी शामिल होते रहे हैं।

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