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चारा घोटाला: सजा मिलने के बाद लालू का ट्वीट, कहा-जान दे दूंगा लेकिन BJP के सामने घुटने नहीं टेकूंगा

चारा घोटाले के दूसरे मामले में रांची की सीबीआई अदालत की तरफ से साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव के ट्टविटर हैंडल से पहला ट्वीट किया गया है।

Updated on: 06 Jan 2018, 08:19 PM

highlights

  • चारा घोटाले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव के ट्टविटर हैंडल से पहला ट्वीट किया गया है
  • लालू का यह ट्वीट पुराने अंदाज में ही किया गया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा है

नई दिल्ली:

चारा घोटाले के दूसरे मामले में रांची की सीबीआई अदालत की तरफ से साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव के ट्टविटर हैंडल से पहला ट्वीट किया गया है।

लालू का यह ट्वीट पुराने अंदाज में ही किया गया है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है।

ट्टविटर हैंडल पर लिखा गया है, 'बीजेपी के सामान्य नियम, या तो समझौता करो, या फिर हम तुम्हें निपटा देंगे, के उलट मैं सामाजिक न्याय, सौहार्द्र और समानता के लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दूंगा।'

और पढ़ें: चारा घोटाला: लालू को साढ़े तीन साल की सजा, 5 लाख रुपये का जुर्माना

गौरतलब है कि लालू यादव और उनका परिवार चारा घोटाला मामले को राजनीति से प्रेरित बताता रहा है और इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं।

23 दिसंबर को जब रांची की सीबीआई अदालत ने लालू यादव समेत 15 आरोपियों को दोषी करार दिया था, तब उनके बेटे तेजस्वी यादव, पार्टी नेता रघुवंश प्रसाद और प्रवक्ता मनोज झा ने बीजेपी पर हमला बोला था।

हालांकि तीनों नेताओं की बयानबाजी को सीबीआई कोर्ट ने अवमानना मानते हुए उन्हें 23 जनवरी को अदालत में मौजूद रहने का समन जारी किया हुआ है।

रांची की सीबीआई अदालत ने लालू यादव को चारा घोटाले के एक अन्य मामले में साढ़े तीन की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में लालू को छह महीने और जेल में रहना होगा।

चारा घोटाला में यह दूसरा मामला है, जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है। इससे पहले एक मामले में वह सजायाफ्ता है लेकिन उन्हें जमानत मिली हुई थी।
हालांकि दूसरे मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था।

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को अदालत ने लालू को देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से करीब 85 लाख रुपये निकालने का दोषी करार दिया था। वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

कुल 22 आरोपियों में से अदालत ने 7 को बरी किया था जबकि लालू यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया था, जिन्हें आज सुनाई गई है।

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