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लालू यादव को हर महीने मिलेगी 10,000 रुपये की पेंशन, इमरजेंसी के दौरान गए थे जेल

लालू यादव की पेंशन 2009 से प्रभावी होगी। रिकॉर्ड्स के अनुसार, लालू को जेपी आंदोलन के दौरान छह महीनों से ज्‍यादा समय तक जेल में रखा गया था।

Updated on: 11 Jan 2017, 04:59 PM

नई दिल्ली:

जेपी सेनानी सम्‍मान पेंशन योजना के तहत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को मासिक पेंशन मिल सकती है। यह पेंशन उन लोगों को दी जाती है जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध करने के बाद जेल में डाल दिए गए थे।

इंदिरा गांधी के आपातकाल के विरोध में चले जेपी आंदोलन के दौरान आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (MISA) के तहत लालू यादव को जेल में डाल दिया गया था। सन 1975 के आपातकाल के करीब चार दशक बाद लालू यादव इस पेंशन योजना के तहत 10,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन पाने के हकदार हो गए हैं।

जेपी सेनानी सम्‍मान पेंशन योजना के लिए लालू यादव ने अवेदन भी कर दिया है। अगर आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है तो उन्हें प्रति माह 10,000 रुपये पेंशन मिलेगी।

बिहार के जनरल एडमिनिस्‍ट्रेशन डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने पेंशन के लिए उनके (लालू) आवेदन की औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर ली है और उसे गृह मंत्रालय विभाग को पेंशन की अंतिम रकम तय करने के लिए भेज दिया है।'

लालू यादव की पेंशन 2009 से प्रभावी होगी। सरकारी रिकॉर्ड्स के अनुसार, लालू को जेपी आंदोलन के दौरान छह महीनों से ज्‍यादा समय तक जेल में रखा गया था।

राज्‍य सरकार के फैसले के अनुसार 18 मार्च, 1974 से 21 मार्च, 1977 तक भारत के रक्षा शासन के दौरान छह महीने से ज्‍यादा जेल की सजा काटने वालों को हर महीने 10,000 रुपए पेंशन दी जाएगी।

इस आंदोलने के दौरान जिन लोगों ने छह महीने से कम और एक महीने से ज्‍यादा का वक्‍त जेल में गुजारा, उन्‍हें 5,000 रुपए की पेंशन मिलेगी।

जेपी सेनानी सम्‍मान पेंशन योजना के तहत राज्‍य में करीब 25,000 लोग मासिक पेंशन पा रहे हैं। बिहार के मुख्‍यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में नीतीश कुमार ने नवंबर, 2005 में इस योजना का ऐलान किया था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1974 में जयप्रकाश नारायण ने 'संपूर्ण क्रांति' का नारा दिया था। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए यह आह्वान किया था।

लोकनायक ने कहा था कि संपूर्ण क्रांति में सात क्रांतियां- राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति शामिल हैं। इन सातों क्रांतियों का समग्र रूप 'संपूर्ण क्रांति' है।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)