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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2019: जानिए लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े 10 रोचक तथ्य

Lal Bahadur Shastri Jayanti 2019: 2 अक्टूबर यानि आज भारत रत्न (Bharat Ratna) से विभूषित देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की 116वीं जयंती मनाई जा रही है.

Updated on: 02 Oct 2019, 10:52 AM

नई दिल्ली:

Lal Bahadur Shastri Jayanti 2019: 2 अक्टूबर यानि आज भारत रत्न (Bharat Ratna) से विभूषित देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की 116वीं जयंती मनाई जा रही है. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था. दुनिया उन्हें सादगी, सरलता और आम जनता से सीधे संवाद की वजह से जानती है. सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री एक गांधीवादी नेता थे.

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शास्त्री जी को परिवार में सबसे छोटा होने की वजह से प्यार से नन्हें पुकारा जाता था. शास्त्री जी की माता जी का नाम दुलाली और पिता का नाम मुंशी प्रसाद श्रीवास्तव था. शास्त्री जी की पत्नी का नाम ललिता देवी था. आइये इस रिपोर्ट में शास्त्री जी के जीवन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण और रोचक बातों (10 Important Points) को जानने की कोशिश करते हैं.

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  1. बचपन में ही पिता का साया सिर से उठने की वजह से शास्त्री जी को अपनी मां के साथ नाना के यहां मिर्जापुर जाना पड़ा. मिर्जापुर में ही उन्होंने विषम परिस्थितियों में प्राथमिक शिक्षा हासिल की. लोगों का कहना है कि वे रोजाना नदी को पार करके स्कूल जाते थे. दरअसल, उस समय कम ही गांव में स्कूल होते थे.
  2. काशी विद्यापीठ से संस्कृत की पढ़ाई करने के बाद जब लाल बहादुर शास्त्री जी निकले तो उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि दी गई. उसके बाद उन्होंने अपने नाम लाल बहादुर के आगे 'शास्त्री' लगाना शुरू कर दिया.
  3. 16 साल की उम्र में शास्त्री जी पढ़ाई छोड़कर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े और गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए.
  4. 1928 में लाल बहादुर शास्त्री जी विवाह ललिता शास्त्री के साथ हुआ था. जिनसे दो बेटियां और चार बेटे हुए.
  5. शास्त्री जी 1920 में ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे. 1921 के असहयोग आंदोलन से लेकर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में भी उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. आंदोलन के दौरान कई बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया.
  6. शास्त्री जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1965 में भारत और पाकिस्तान बीच युद्ध हुआ. सेना के जवानों और किसानों का महत्व बताने के लिए शास्त्री जी ने 'जय जवान जय किसान' का नारा भी दिया.
  7. आजादी के बाद शास्त्री जी 1951 में दिल्ली आ गए और उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला. उन्होंने रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री का भी प्रभार संभाला.
  8. 1964 में लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ.
  9. युद्ध की वजह से देश में खाद्यान्न की भारी किल्लत हो गई. वहीं अमेरिका ने भी भारत को होने वाले अनाज एक्सपोर्ट को रोकने की धमकी दे दी. इन हालातों में देश के लिए काफी मुश्किल दौर था. ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री ने जनता से अपील की कि लोग हफ्ते में 1 दिन का खाना 1 वक्त के लिए छोड़ देना चाहिए.
  10. शास्त्री जी ने 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली थी. 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई थी.