Kulbhushan Jadhav Case: जानिए उन 15 जजों के बारे में जिन्होंने भारत के पक्ष में दिया फैसला
कोर्ट ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. 16 जज में एक भारतीय और एक पाकिस्तान जज भी शामिल है. आए आपको बताते हैं, सभी 16 जजों के बारे में...
नई दिल्ली:
कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में बुधवार को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) ने अपना फैसला सुना दिया है. ICJ ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस की भी सुविधा देने का आदेश दिया. कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया. 16 में से 15 जज, भारत के हक में थे. कोर्ट ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. 16 जज में एक भारतीय और एक पाकिस्तान जज भी शामिल है. आए आपको बताते हैं, सभी 16 जजों के बारे में...
आइसीजे अध्यक्ष अब्दुलकवी अहमद यूसुफ
सोमालिया के अब्दुलकवी अहमद यूसुफ फरवरी 2018 में आईसीजे के अध्यक्ष चुने गए थे. इससे पहले वह आइसीजे के सदस्य 2009 से थे. यूसुफ इससे पहले युनेस्को में लीगल एडवाइजर के तौर पर भी काम कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि अब्दुलकवी अहमद यूसुफ ही आज फैसला पढ़कर सुनाएंगे.
आइसीजे उपाध्यक्ष शू हांकिन
चीन की शू हांकिन आईसीजे की सदस्य जून 2010 से हैं. साल 2012 में उन्हें फिर से चुना गया था. इसके बाद वह 6 फरवरी 2018 को ICJ की उपाध्यक्ष चुनी गई थीं. शू चीन के लीगल लॉ डिवीजन की हेड और नीदरलैंड में चीन की राजदूत थीं.
जज पीटर टॉमका
स्लोवाकिया के जज टॉमका इस पैनल में सबसे सीनियर हैं. टॉमका संयुक्त राष्ट्र में स्लोवाकिया के राजदूत भी रह चुके हैं. वह ICJ से साल 2003 से जुड़े हुए हैं. टॉमका साल 2012 से 2015 तक सीआइजे के अध्यक्ष थे. वह इस अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय मामलों का उन्हें काफी लंबा अनुभव है.
जस्टिस दलवीर भंडारी
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट जस्टिस दलवीर भंडारी इकलौते भारतीय जज हैं, जो इस मामले की सुनवाई में शामिल हैं. जस्टिस भंडारी 2012 से आइसीजे के सदस्य हैं, फरवरी 2018 में वह दोबारा इसके सदस्य चुने गए थे. इसके साथ ही भंडारी सुप्रीम कोर्ट में भी जज के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.
जज मोहम्मद बेनौना
मोरक्को के जज बेनौना आइसीजे के साल 2006 से सदस्य हैं. बेनौना साल 2001 से लेकर 2006 तक मोरक्को के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में रह चुके हैं. साल 2015 में बेनौना को फिर एक बार चुना गया था.
जज एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे
एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे ब्राजील से हैं, जो साल 2009 से ही आइसीजे के सदस्य हैं. फरवरी 2018 में वह फिर से चुने गए थे. साल 2017 में जज ट्रिनेड ने जज दलवीर भंडारी के फैसले के साथ सहमति जताई थी. कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में यह एक अच्छी खबर हैं.
जज रॉनी अब्राहम
कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) का केस जब दायर किया गया था, तब फ्रांस की जज रॉनी अब्राहम आइसीजे के अध्यक्ष थे. जज रॉनी फ्रांस के विदेश मंत्रालय में लीगल एडवाइजर हैं. अब्राहम इस कोर्ट से साल 2005 से जुड़े हुए हैं. साल 2015 से 2018 तक वह आइसीजे के अध्यक्ष भी रहे हैं. 6 फरवरी 2018 में उन्हें फिर चुना गया था.
जज जूलिया सेबुटिंडे
यूगांडा के जज जूलिया युगांडा के हाई कोर्ट की जज रह चुकीं हैं. वह साल 2012 से आइसीजे की सदस्य हैं. जूलिया कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की सदस्य भी रह चुकी हैं.
जज किरिल गेवोर्जिअन
रूस फेडरेशन की जज किरिल आइसीजे के साल 2015 से सदस्य हैं. किरिल रूस की तरफ से आइसीजे में कई बार एजेंट के तौर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
जज नवाज सलाम
लेबनान के जज सलाम अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सबसे नए सदस्य हैं. साल 2007 से 2017 तक वह संयुक्त राष्ट्र में लेबनान के राजदूत और स्थायी सदस्य रह चुके हैं. 6 जनवरी 2018 को उन्हें आइसीजे के जज के तौर पर चुना गया था.
जज यूजी इवसावा
जापान के जाधव मामले कि सुनवाई कर रही पैनल में सबसे नए जजों में से एक जज इवसावा मानवाधिकारों के दुनिया में सबसे बड़े महारथियों में से एक हैं.
जज जोआन ई. डोनोह्यू
अमेरिका की जज डोनोह्यू साल 2010 से आइसीजे की सदस्य हैं. वह 2015 में फिर से चुनकर आई थीं. जज डोनोह्यू अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट का हिस्सा भी रही हैं. डोनाह्यू अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अंतर्राष्ट्रीय कानून पर सलाह देती थीं.
जज जॉर्जिओ गजा
इटली के जज जॉर्जिओ गजा अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सदस्य फरवरी 2012 से हैं. गजा इटली सरकार की तरफ से आइसीजे में अधिवक्ता के तौर पर भी जा चुके हैं. गजा इंटरनेशनल लॉ कमिशन के सदस्य भी रह चुके हैं.
जज पैट्रिक लिप्टन रॉबिंसन
जमैका के जज रॉबिंसन आइसीजे के सदस्य फरवरी 2015 से हैं. रॉबिंसन 26 सालों तक संयुक्त राष्ट्र के छठे लीगल कमेटी के सदस्य रहे हैं. इसके अलावा भी वह कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सदस्य रह चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय मामलों में उनका अनुभव काफी लंबा है.
जज जेम्ल रिचर्ड क्रॉफोर्ड
ऑस्ट्रेलिया के जज क्रॉफोर्ड भारत के खिलाफ 2 बार पैरवी कर चुके हैं. एक बार किशनगंगा डैम विवाद (भारत बनाम पाकिस्तान) में क्रॉफोर्ड पाकिस्तान की तरफ से और दूसरी बार मैरिटाइम बाउंड्री विवाद में बांग्लादेश की तरफ से. हालांकि, कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) केस में वह जज की भूमिका में हैं. क्रॉफोर्ड 2015 से अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सदस्य हैं.
इन्होंने भारत के खिलाफ दिया फैसला
तस्सदुक हुसैन जिलानी
पाकिस्तान ने जज तस्सदुक को जाधव केस में एक एड-हॉक जज के तौर पर नियुक्त किया है. दरअसल, नियमों के अनुसार ऐसा एक देश तभी करता है, जब उसका कोई भी जज बेंच में नहीं होता. जिलानी पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के तौर पर एक साल काम कर चुके हैं.
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