logo-image

देश में एनपीआर पर मचा है सियासी घमासान, जानिए क्या हैं NPR के उपयोग और फायदे

कैबिनेट की बैठक में NPR के नवीनीकरण को पीएम मोदी ने हरी झंडी दे दी है.

Updated on: 24 Dec 2019, 06:27 PM

नई दिल्‍ली:

नागरिकता संशोधन कानून और NRC पर मचे सियासी घमासान के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस बैठक में राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर यानी NPR पर चर्चा होगी. कैबिनेट की बैठक में NPR के नवीनीकरण को पीएम मोदी ने हरी झंडी दे दी है. हालांकि पश्चिम बंगाल और केरल सरकार ने NPR का विरोध करने का संकेत दिया है. NPR के तहत एक अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की जाएगी. इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी देनी होगी. आपको बता दें कि एनपीआर का काम देश के प्रत्येक परिवार और व्यक्ति का विश्वसनीय रजिस्टर तैयार करना है.

एनपीआर का उद्देश्य

  • एनपीआर सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है जो कि गांव/नगर, उप जिला, जिला और राज्य जैसे अव्यवस्थित विवरणों के साथ जुड़ा है. वर्तमान मेँ एनपीआर आंकडों के आधार पर देश में एनआरसी तैयार किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
  • कोई बायोमैटिक एकत्र नहीं किया जा रहा है घर घर जाकर गणना के समय कोई दस्तावेज एकत्र नहीं किया जा रहा है विभिन्न सरकारी योजनाओं/ कार्यक्रमों के अधीन लाभों के सुपुर्दगी तंत्र मेँ सुधार किया जाएगा.
  • एनपीआर को जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के साथ जोड़ने से वास्तविक काल का जनगणना रजिस्टर उपलब्ध होगा जिससे भविष्य में रजिस्टर आधारित जनगणना का मार्ग प्रशस्त होगा.
  • विभिन्न लाभकारी सरकारी योजनाओं के साथ जोड़कर एनपीआर डाटा को पारदर्शी और सामाजिक लाभों की कुशल सुपुर्दगी के लिए उपयोग में लाया जाने वाले वित्तीय बैंकिंग, बीमा सेवा डाटाबेस शिक्षा विद्यालयों, महाविद्यालयों और छात्रावासों में प्रवेश कृषि वीज, उर्वरक, कीटनाशक विपणन ऋण के लिए उपयोग में लिया जाएगा.
  • सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना एनपीआर डाटा पर आधारित है बाद में जिसका विभिन्न प्रकार के लाभों का पता लगाने के लिए किया जाएगा. परिवार एनपीआर डाटा का उपयोग आयुष्मान भारत, जनधन योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, सौभाग्य इत्यादि जैसी योजनाओं के लिए कर सकेगा.

मोदी सरकार की तैयारी 

  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और नागरिकता कानून के बाद अब मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR - National Population Register) लाने की तैयारी कर रही है.
  • भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (Census Commissioner) विवेक जोशी ने इस बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि असम को छोड़कर देश के अन्य सभी हिस्सों में एनपीआर पर काम शुरू किया जाएगा.
  • इस संबंध में आधिकारिक वेबसाइट पर भी जानकारी दी गई है. सरकार ने बताया है कि एनपीआर के लिए काम कब से और किसी तरह शुरू किया जाएगा.

क्या है एनपीआर

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी.
  • इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी दर्ज की जाएगी.
  • वैसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा.
  • एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी.
  • एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जाएगा - पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा. इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे.
  • दूसरा चरण 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा. इसके बाद तीसरा चरण होगा, जिसमें जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे.

क्यों जरूरी है एनपीआर

  • एनपीआर का मूल उद्देश्य देश के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है. इसमें हर निवासी की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा.
  • सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके.
  • नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके.
  • देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके
  • आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए अंतिम बार साल 2010 में आंकड़े जुटाए गए थे. जब 2011 के लिए जनगणना (Census 2011) की जा रही थी.
  • इन आंकड़ों को फिर साल 2015 में अपडेट किया गया था. इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण हुए थे। उन आंकड़ों को डिजिटल करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.
  • अब सरकार ने ये फैसला लिया है कि 2021 जनगणना (Census 2021) के दौरान असम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए इन आंकड़ों को फिर से अपडेट किया जाएगा.
  • इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा एक राजपत्रित अधिसूचना पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है.