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लोकसभा में ऐसे रही मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल की कार्यवाही, जानिए किसने क्या कहा

लोकसभा में अब राज्य पुनर्गठन बिल और जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल पर सदन में विचार किया गया. इस पर वोटिंग हुई जिसमें बिल के पक्ष में 366 और विपक्ष में 66 वोट पड़े.

Updated on: 06 Aug 2019, 10:20 PM

highlights

  • लोकसभा में बहस के बाद पास हुआ बिल
  • राज्यसभा से पहले ही पास हो चुका था बिल
  • पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े

नई दिल्ली:

राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 बिल पास हो गया है. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर लाए गए संकल्प प्रस्ताव पर सदन का मत लिया गया. विपक्षी सांसदों ने सदन में वोटिंग की मांग की है, जिसके बाद इसकी प्रक्रिया हुई. इलेक्ट्रॉनिक मशीन से सदन में वोट डाले गए. इसके पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े. एक सांसद गैर मौजूद रहा, जबकि कुल 424 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है.

लोकसभा में अब राज्य पुनर्गठन बिल और जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल पर सदन में विचार किया गया. इस पर वोटिंग हुई जिसमें बिल के पक्ष में 366 और विपक्ष में 66 वोट पड़े. सदन को विचार के लिए ले लिया गया है. विधेयक पर लाए गए संशोधनों पर अब सदन का मत लिया जा रहा है. राज्यसभा से पास हो चुके जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा से भी वोटिंग के बाद पास कर दिया गया. इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े.

ऐसे शुरू हुई लोकसभा में पुनर्गठन बिल पर चर्चा
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा से पास होने के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए रखा. आपको बता दें कि सोमवार को वोटिंग के बाद उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिल गई थी जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे. लोकसभा में जम्मू कश्मीर में विशेष अधिकार देने वाला धारा 370 को खत्म करने का संकल्प भी पेश किया, इसके बाद जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक पर भी सदन में चर्चा शुरू की गई. सबसे पहले लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बमों से मरने वालों को सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी, सभी सदस्यों ने मौन रखकर दिवंगतों को याद किया. इसके बाद मंत्रियों की ओर से कागजात सदन के पटल पर रखे गए.

गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में रखा संकल्प
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संकल्प पेश करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति यह घोषणा करते है उनके आदेश के बाद अनुच्छेद 370 के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन विधेयक को विचार के लिए रखा जाए, जिसे राज्यसभा की मंजूरी बिल चुकी है. शाह ने कहा कि राज्यसभा के बाद इस विधेयक को यहां लाया गया है. साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल को भी विचार के लिए सदन में रखा.

लोकसभा में अधीर रजन और गृहमंत्री अमित शाह में बहस
लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने जम्मू कश्मीर को 2 हिस्सों में तोड़कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. उन्होंने कहा कि कश्मीर को आप अंदरूनी मामले बताते हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र वहां की निगरानी करता है. इस पर अमित शाह ने कहा कि यह कांग्रेस का मत है कि संयुक्त राष्ट्र जम्मू-कश्मीर की निगरानी कर सकता है, यह कांग्रेस साफ करे. इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया है.

अक्साई चीन और PoK के लिए दे देंगे जान: शाह
लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि क्या कांग्रेस PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानती है, हम इसके लिए जान देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का मतलब Pok और अक्साई चीन से भी है क्योंकि इसमें दोनों समाहित हैं. गृह मंत्री ने कहा कि आज के प्रस्ताव और बिल भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे और यह महान सदन इस पर विचार करने जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को मनीष तिवारी ने बताया संवैधानिक त्रासदी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस विधेयक को संवैधानिक त्रासदी करार देते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने एक बेहतर कदम उठाकर कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया. उस विलय के साथ कुछ वादे में किए गए थे, जिसमें दिल्ली का करार भी शामिल है. साल 1952 में भारत के संविधान में धारा 370 को शामिल किया गया. उसी बीच जम्मू कश्मीर में संविधान सभा का गठन हुआ और वहां के लिए अलग संविधान की संरचना की. इसके बाद तय हुआ कि वहां का हर फैसला संविधान सभा, विधानसभा की राय लेने के बाद ही किया जाएगा.

जवाहर लाल नेहरू की वजह से कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बगैर संविधान सभा की इजाजत के धारा 370 को एक सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता जो आज मौजूद नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर का अलग संविधान है जो 1957 को लागू हुआ था क्या अब प्रदेश के बंटवारे के बाद उस संविधान को खारिज करने का बिल भी सरकार लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे के ऊपर इससे बड़ा आघात नहीं हो सकता, साथ ही आज अगर जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है तो उसके पीछे पंडित नेहरू ही वजह थे.

TMC ने पुनर्गठन बिल पर किया सदन से वॉक आउट
टीएमसी सांसद सुदीप ने कहा कि सरकार पहले ये बताए कि ऐसे हालात पनपने पर क्या कदम उठाए जाएंगे, जब इस विभाजन के बाद आतंकवादी घटनाओं में इजाफा हो सकता है क्योंकि मौजूदा हालात अनिश्चितता लेकर आएंगे. TMC सांसद ने कहा कि जम्मू के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है. अगर हम इस बिल पर वोटिंग का हिस्सा बनते हैं तो हम भी इसके लिए भागीदारी होंगे और इस वजह से हमने इसके खिलाफ वॉक आउट का फैसला किया है.

लोकसभा में YSRCP ने किया बिल का समर्थन
YSRCP सांसद आर आर राजू कानुमुरू ने लोकसभा में पुनर्गठन बिल के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य के बंटवारे के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और दिल्ली को भेजा था. अनुच्छेद 3 का उल्लंघन हुआ और राज्य को दो हिस्सों में बांटा गया था, हमारे मुख्यमंत्री ने इसके बाद इस्तीफा भी दे दिया था. उन्होंने कहा कि देश में एक संविधान और एक झंडा होना चाहिए जो सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव है.

जदयू ने किया बिल का विरोध
जनता दल (यूनाइटेड) ने लोकसभा में बिल पर चर्चा के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. जदयू ने इस दौरान लोकसभा से वॉकआउट कर दिया. जदयू की तरफ से ललन सिंह ने सदन में कहा कि हम एक दूसरे की विचारधारा को जानते हैं, लेकिन धारा 370 पर सरकार के फैसले का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि जब NDA की बात हुई थी, तो इसको लेकर चर्चा हुई थी और धारा 370 को हटाने की बात नहीं थी.

लोकसभा में बसपा ने किया बिल का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी के सांसद गिरीश चंद्र ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर सरकार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इससे लद्दाख के बौद्ध समुदाय के लोगों को फायदा होगा, साथ ही विशेष दर्जा संबंधी धारा 370 को हटाने की मांद काफी लंबे समय से चल रही थी. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का भी बहुजन समाज पार्टी स्वागत करती है.

TRS ने कहा कि PoK की जगह IK कहें
लोकसभा में केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए टीआरएस सांसद एन नागेश्वर राव ने कहा कि इतिहास की गलती को सुधारा जा रहा है. यह एक अच्छी बात है उन्होंने आगे कहा कि गृहमंत्री ने PoK को भारत का अभिन्न अंग बताया, हम चाहते हैं कि इसे IK यानी इंडियन कश्मीर किया जाए, यह सरकार का अगला कदम होना चाहिए. अगर हम इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो कश्मीरवासी और देशवासी हमें देश विरोधी समझेंगे.

'हम कश्मीर के साथ नहीं रहना चाहते थे'
लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्‍याल ने लोकसभा में कहा कि हम किसी भी हालत में कश्मीर के साथ नहीं रहना चाहते थे लेकिन पिछली सरकारों ने हमारा पक्ष जानने की कोशिश ही नहीं की. इससे हमारी पहचान और भाषा धारा 370 और कांग्रेस की वजह से लुप्त हुई है. उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हम जैसे लोगों को देश प्रेम और देश के लिए मर-मिटने का जज्बा दिया. जामयांग ने कहा कि धारा 370 हटने से 2 परिवारों रोजी-रोटी जरूर जाएगी लेकिन कश्मीर का भविष्य उज्जवल होने वाला है.

'फारूक अब्दुल्ला को कनपटी पर बंदूक रख कर बाहर नहीं ला सकते'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए काला दिन है क्योंकि वहां 6 महीने से चुनाव नहीं हो पाए, पूर्व मुख्यमंत्री गिरफ्तार हो चुके हैं, हमारे सहयोगी फारूक अब्दुल्ला कहां हैं, उनका कोई पता ही नहीं है. इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला जी अपने घर पर हैं, नजरबंद भी नहीं हैं, उनकी तबीयत अच्छी है और मौज-मस्ती कर रहे हैं. उन्हें नहीं आना है तो बंदूक कनपटी पर रखकर हम बाहर नहीं ला सकते.

शशि थरूर ने कहा यह संविधान का काला दिन
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है इस पर किसी को कोई मतभेद नहीं है. लेकिन इस बिल से लोकतांत्रिक व्यवस्था, वैश्विक परिवेश और हमारी विश्वसनीयता को गहरा आघात पहुंचा है. थरूर ने कहा कि आपने अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया वहां भारी तादाद में सेना की तैनाती की गई है. इन्हीं सब कारणों से हम इसे काला दिन कह रहे हैं. आपके पास बहुमत है और आप इसे पास भी कर लेंगे लेकिन आज सहमति पर खतरा है. थरूर ने आगे कहा लोकतांत्रिक पार्टी के नेताओं को बंद कर आपने गैर लोकतांत्रिक लोगों के लिए रास्ते खोल दिए हैं.

टीडीपी ने बिल पर सरकार का समर्थन किया
तेलेगुदेशम पार्टी ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर लोकसभा में सरकार का साथ दिया. पार्टी के सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि धारा 370 एक अस्थाई प्रावधान था और इसे जम्मू कश्मीर की जनता के हित के लिए हटना सही फैसला है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पहले ही कश्मीर को काफी नुकसान हो चुका है और देश के कानून वहां लागू नहीं होते थे अब इस क्षेत्र के लिए नई शुरूआत होने जा रही है.

ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल का विरोध किया
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं इस बिल का विरोध करता हूं. यह सच है कि बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो का वादा पूरा किया. लेकिन आपने अपने संवैधानिक कर्तव्य नहीं निभाए. आपके संवैधानिक वादा तोड़ा है. ओवैसी ने कहा, ईद पर क्या होगा. ईद सोमवार को है. आप क्या सोच रहे हैं कि कश्मीरी बकरे की बलि देने की बजाय खुद की बलि देंगे. अगर आप यही चाहते हैं तो वे ये भी कर देंगे और करते रहे हैं.

तिरंगा फहराने से रोकता है ऑर्टिकल 370: रविशंकर
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि हमने देश की जनता से 370 हटाने का वादा किया था. बाल विवाह से लेकर शिक्षा और सूचना का अधिकार भी वहां लागू नहीं था. मैला ढोने पर पाबंदी का कानून जो कांग्रेस लेकर आई थी उसे भी कश्मीर में नहीं लगने दिया. प्रसाद ने कहा कि श्रीनगर में लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए थे लेकिन हमें रोक दिया गया. अगर इस 370 से तिरंगा फहराने पर पाबंदी है तो इसे नहीं रहना चाहिए.

चर्चा के दौरान लोकसभा पहुंचे पीएम मोदी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चर्चा के दौरान कहा कि कश्मीर की जनता की आवाज मोदी सरकार सुन रही है जो धारा 370 के खिलाफ है. धारा 370 की वकालत करने वाले किसी भी नेता ने शहीद उमर फैयाज, शौर्य चक्र विजेता औरंगजेब के साथ खड़े होने की हिम्मत नहीं की. उन्होंने कहा कि 370 का फायदा उठाया जा रहा था. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में पहुंच गए हैं और सभी सांसदों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया है.

गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में दिया जवाब
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल पर हुई चर्चा का जवाब देना शुरू कर किया इस दौरान सदन में बीजेपी सांसद जोरदार नारेबाजी कर रहे थे. शाह ने कहा कि सदस्यों के मन के भाव को समझ रहा हूं क्योंकि सब लोग 70 साल से एक दर्द को दबाकर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन किसी अन्य राज्य को नहीं बोलते, उसकी वजह 370 है क्योंकि इसी ने जनमानस के मन में शंका पैदा की थी, कश्मीर भारत का अंग है या नहीं. धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं बल्कि जोड़ने से रोकती है, जो आज सदन के आदेश के बाद खत्म हो जाएगी.

370 से बढ़ा घाटी में आतंकवाद
अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का मूल गरीबी नहीं है, गरीब देश का वफादार होता है कभी हाथ में हथियार नहीं उठाता. धारा 370 का दुष्प्रचार हुआ जिससे वहां आतंकवाद बढ़ता चला गया, लोगों को बरगलाया गया और वहां की जनता को गरीबी के अलावा कुछ नहीं मिला. देशभर के बाकी राज्यों में आतंकवाद क्यों नहीं पनपा क्योंकि वहां 370 नहीं थी जो अलगाववाद का मूल पैदा करती थी.

पूरे जीवन 370 के खिलाफ लड़े अटलजी
गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर पृथ्वी का स्वर्ग था, है और रहेगा. गृह मंत्री ने कहा कि अटलजी पूरे जीवन 370 के खिलाफ लड़े हैं और जेल भी गए थे. आज अटलजी की पार्टी के ही नरेंद्र मोदी को पूर्ण बहुमत मिला और आज 370 हट रही है. उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने 370 को भारत और कश्मीर को अलग करने वाले अनुच्छेद बताते हुए इसे हटाने की अपील इसी सदन में की थी, क्या वो सेक्युलर नहीं थे.

प्रस्ताव पर लोकसभा में वोटिंग
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर लाए गए संकल्प प्रस्ताव पर सदन में वोटिंग की गई. विपक्षी सांसदों ने सदन में वोटिंग की मांग की है जिसके बाद इसकी पूरी की गई. लॉबी खाली कराई गई और इलैक्ट्रोनिक मशीन से सदन में वोट डाले गए.