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जानें अरुण जेटली के परिवार के सदस्यों के बारे में, क्या करते हैं उनके बच्चे

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया. वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे.

Updated on: 24 Aug 2019, 05:36 PM

नई दिल्ली:

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया. वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (AIIMS) में दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर आखिरी सांस ली. अरुण जेटली को 9 अगस्त को सांस लेने में दिक्‍कत होने के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था. वे काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित थे.

अरुण जेटली का परिवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में 28 दिसंबर 1952 को हुआ था. उनके पिता का नाम महाराज किशन जेटली था. पिता एक वकील थे. माता का नाम रतन प्रभा जेटली था. अरुण जेटली की पत्नी का नाम संगीता है. अरुण जेटली की शादी साल 1982 को हुई थी. उनके एक बेटा और बेटी है. बेटे का नाम रोहन हैं और बेटी का नाम सोनाली. अरुण जेटली के दोनों बेटा और बेटी अपने पिता की तरह ही वकील हैं. बेटी सोनाली की शादी 2015 में बिजनेसमैन और वकील जयेश बख्शी से हुई है.

व्यक्तिगत जीवन

उनका जन्म महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर में हुआ था. उनके पिता जाने-माने वकील थे. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से 1957-69 में पूर्ण की. उन्होंने अपनी 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से कॉमर्स में स्नातक की. उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्व विद्यालय के विधि संकाय से विधि की डिग्री प्राप्त की. छात्र के रूप में अपने कैरियर के दौरान, उन्होंने अकादमिक और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई अवार्ड प्राप्त किए हैं. वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे. अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से शादी की थी. उनके दो बच्चे हैं. पुत्र रोहनऔर पुत्री सोनाली हैं.

राजनीतिक करियर

जेटली 1991 से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. वह 1999 के आम चुनाव से पहले की अवधि के दौरान भाजपा के प्रवक्ता बन गए.

वाजपेयी सरकार

1999 में, भाजपा की वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया. उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया. विश्व व्यापार संगठन के शासन के तहत विनिवेश की नीति को प्रभावी करने के लिए पहली बार एक नया मंत्रालय बनाया गया. उन्होंने 23 जुलाई 2000 को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला.