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केरल : बाढ़ में अब तक 72 मरे, शिविरों में 2 लाख से अधिक लोग

केरल में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई और इसके कारण मृतकों की संख्या 72 तक पहुंच गई है. वहीं 2.54 लाख लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित होना पड़ा है

Updated on: 12 Aug 2019, 01:00 AM

नई दिल्ली:

केरल में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई और इसके कारण मृतकों की संख्या 72 तक पहुंच गई है. वहीं 2.54 लाख लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित होना पड़ा है. राज्य के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. कोल्लम को छोड़कर राज्य के सभी 14 जिलों में 1,600 से अधिक राहत शिविरों में लोग शरण लिए हुए हैं. मलप्पुरम में सबसे अधिक 54 हजार लोग शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

इससे पहले मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने एनडीआरएफ की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि इस बार के हालत पिछले साल जितने खराब नहीं हैं। इस बार कुछ ही जिले प्रभावित हैं.

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, 'बारिश में कमी आई है। यह सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यो में लगे कर्मियों के लिए अच्छी खबर है.'

सबसे अधिक प्रभावित स्थान वायनाड जिले में मेपादी के पास और मलप्पुरम जिले में कवलपारा और इसके आसपास के इलाके हैं.

यहां बचाव दल मिट्टी के विशाल ढेर के नीचे फंसे लोगों के शवों को बरामद करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

आने वाले दिनों में बारिश की आशंका

विजयन ने कहा, 'फिलहाल मेपादी में आठ लोग लापता हैं, बारिश में कमी आने के साथ ही बचाव कार्य प्रभावी तरीके से किए जा रहे हैं. हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में और अधिक बारिश होने की आशंका है. इसी को ध्यान में रखकर सभी को हाईअलर्ट पर रखा गया है.'

इससे पहले, दिन में वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कोझिकोड पहुंचे और पहले कवलपारा की ओर प्रस्थान किया, जहां वह एक गिरजाघर में पहुंचे. वहां 360 लोगों ने शरण ले रखी थी. उन्होंने वहां लोगों की परेशानियां सुनीं और भरोसा दिलाया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी.

राहुल सोमवार को वायनाड जाकर कुछ राहत शिविरों और प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं.

इसी बीच, मुख्यमंत्री विजयन ने सोशल मीडिया में चल रही झूठी खबरों के प्रति भी रोष जाहिर किया, जिसमें मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की बात की जा रही है.

 फंडों का उपयोग केवल प्रभावित लोगों के लिए किया जाएगा

उन्होंने कहा, 'इन फंडों का उपयोग केवल प्रभावित लोगों के लिए किया जाएगा न कि किसी और चीज के लिए. इस प्रकार के नकारात्मक प्रचार की हमें जानकारी मिली है. यह जानकर दुख हुआ कि कुछ ऐसे भ्रामक प्रचार किए जा रहे हैं और हमें पता चला है कि ये राज्य के बाहर से किए जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस प्रकार के झूठे प्रचार को रोकने के संबंध में मीडिया को भी कदम उठाने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा, 'हमने अभी तक किसी भी प्रकार के फंड देने की बात केंद्र से नहीं कही है और वे हमें राहत और बचाव कार्य में पूरा सहयोग दे रहे हैं.'

नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा कि उन्होंने सभी से उदारता दिखाते हुए फंड देने की बात कही थी.

कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को दिन में रद्द करना पड़ा

सबसे ज्यादा 18 मौतें वायनाड में हुई हैं, जबकि मलप्पुरम, पलक्कड़, इडुक्की और कोझिकोड में भी हताहतों की संख्या काफी अधिक है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के बावजूद केवल तीन बांधों में पानी का स्तर बढ़ा है, जबकि इडुक्की और पठानमथिट्टा बांधों में जल स्तर में कमी है.

कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को दिन में रद्द करना पड़ा, लेकिन वहीं कुछ सेक्टरों में कम दूरी की ट्रेनों के मार्गो पर रेलवे ने गाड़ियां चलाईं. जिन दूसरे सेक्टरों में ऐसा नहीं हो सका, वहां सेवाएं जल्द शुरू होने की उम्मीद है.