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कठुआ रेप-मर्डर कांड: क्यों बरी हुआ मामले का 7वां आरोपी विशाल, यहां जानें

कोर्ट ने जिन 6 लोगों को दोषी करार दिया है उनमें मुख्य आरोपी सांझी राम, नंद दत्ता, दीपक खजुरिया, तिलक राज, सुरिन्दर और प्रवेश शामिल हैं

Updated on: 10 Jun 2019, 06:41 PM

नई दिल्ली:

कठुआ रेप और मर्डर केस में 16 महीने बाद आखिरकार फैसला आ चुका है. पठानकोट की अदालत ने इस मामले मे 7 में से 6 आरपियों को दोषी करार दिया है जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है. इसके बाद आरोपियों को सजा का ऐलान भी हो चुका है. कठुआ मामले में जिन 6 लोगों को दोषी करार किया गया है उनमें मुख्य आरोपी सांझी राम भी शामिल है. उसके अलावा आनंद दत्ता, दीपक खजुरिया, तिलक राज, सुरिन्दर और प्रवेश को भी दोषी करार दिया गया है.

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हालांकि इस मामले में उसके बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट में यह साबित नहीं हो पाया है कि विशाल घटना के दौरान जम्मू कश्मीर में मौजूद था. दरअसल जिस वक्त मासूम के दरिंदगी की हद पार की जा रही थी उस वक्त विशाल मुजफ्फरनगर में मौजूद था. हालांकि चार्जशीट में ये बताया गया था कि सांझी राम के किशोर भतीजे ने विशाल को बुलाया था लेकिन कोर्ट में ये बात साबित नहीं हो सकी. इसी वजह से कोर्ट ने विशाल को बरी कर दिया. इस मामले में सुनवाई बंद कमरे के अंदर 3 जून तक चली और आज यानी 10 जून को इस मामले में फैसला सुना दिया गया. बता दें इस मामले में किशोर आरोपी पर मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है. उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा. 

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क्या है पूरा मामला

देश को झकझौर कर रख देने वाले इस कांड की यादे आज भी लोगों के दिल और दिमाग में ताजा है. 8 साल की मासूम के साथ कोई इतनी हैवानियत कर सकता है, इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया होगा. बता दें बच्ची का अपहर 10 जनवरी को किया गया था. उसका शव एक सप्ताह बाद जंगल से बरामद किया गया. जांच से पता चला था कि हत्या से पहले उसका कई बार रेप किया गया था. बच्ची को उस समय अगवा किया गया था जब वो अपने घोड़े को चराने गई हुई थी.

रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया था कि बच्ची को अगवा कर के मंदिर के देवीस्थान में नशीली दवाई पिलाकर बेहोश रखा गया था. इसके बाद कई बार बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्या करने के बाद उसे कोई पहचान न सके इसके लिए कई बार उसके सिर पर पत्थर से वार भी किया गया.