Karnataka Crisis:BJP सांसद राकेश सिन्हा ने कहा- इस्तीफे पर जल्दी अपना रुख स्पष्ट करें स्पीकर
कर्नाटक में उभरे राजनीतिक हालात पर राज्यसभा सांसद और संघ से जुड़े विचारक राकेश सिन्हा ने न्यूज़ नेशन पर बयान देते हुए कहा कि स्पीकर को इस्तीफे पर जल्दी अपना रुख स्पष्ट करके, त्यागपत्रों को मंजूरी देनी चाहिए.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सत्तारूढ़ 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) गठबंधन सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस (Congress) और जेडीएस (JDS) के 13 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इनमें कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक शामिल हैं. कर्नाटक सरकार पर संकट को लेकर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई, जिसमें कई दिग्गज नेता शामिल हुए. इस बैठक में कर्नाटक की स्थिति पर चर्चा हुई.
ये भी पढ़ें: कर्नाटक मुख्यमंत्री बनने पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे, 'गठबंधन तोड़ने के लिए BJP फैला रही अफवाह'
विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने यहां अपने आवास पर कहा, 'मुझे मेरे निजी सचिव से पता चला है कि 11 विधायकों ने मेरे कार्यालय में त्याग-पत्र दे दिए हैं. उन्हें उसकी पावती दे दी गई, मैं उन्हें मंगलवार (9 जुलाई) को देखूंगा क्योंकि सोमवार को मैं छुट्टी पर हूं.'
वहीं कर्नाटक में उभरे राजनीतिक हालात पर राज्यसभा सांसद और संघ से जुड़े विचारक राकेश सिन्हा ने न्यूज़ नेशन पर बयान देते हुए कहा कि स्पीकर को इस्तीफे पर जल्दी अपना रुख स्पष्ट करके, त्यागपत्रों को मंजूरी देनी चाहिए.
संघ बहुलतावाद का हिमायती, कांग्रेस करें अपने इतिहास पर विचार-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से विज्ञान भवन में खुद मोहन भागवत ने कहा था कि आरएसएस की सोच बहुलता वादी है. जहां तक कांग्रेस का सवाल है, कांग्रेस को 50 के दशक से लेकर 80 के दशक तक का इतिहास याद रखना होगा, जब राज्यों और केंद्र में कांग्रेस की सत्ता थी, तब क्या भारत रूस या चीन की तरह बन गया था ,जो आरोप आज कांग्रेस के नेता बीजेपी पर लगा रहे हैं.
संवैधानिक धर्म का पालन करें विधानसभा अध्यक्ष-
मुझे लगता है कि जब विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है तो, स्पीकर को इस्तीफे पर जल्दी अपना रुख स्पष्ट करके, त्यागपत्रों को मंजूरी देनी चाहिए. यह काम अगर विलंब से होता है तो स्पीकर की तटस्थता पर भी सवाल उठेंगे.
और पढ़ें: Karnataka Crisis: विधायकों के इस्तीफे पर BJP राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने दिया ये बयान
पहले बहुमत फिर बजट की बात-
कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र 12 जुलाई से शुरू होने जा रहा है ,उसी समय गठबंधन सरकार प्रदेश का बजट रखेगी, लेकिन उससे पहले कर्नाटक सरकार को विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करना चाहिए. अल्पमत सरकार को बजट प्रस्ताव रखने का कोई अधिकार नहीं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह