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कर्नाटक की राजनीति के 'चाणक्य' कहे जाने वाले कांग्रेस नेता पर गिरफ्तारी की तलवार

मैं कानून पर भरोसा रखने वाला व्यक्ति हूं. मेरे पास बहुत से विकल्प हैं जिन्हें मै तलाश रहा हूं

Updated on: 30 Aug 2019, 07:44 PM

highlights

  • कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार हो सकते हैं गिरफ्तार
  • कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की शिवकुमार की याचिका 
  • ईडी के दिल्ली में दफ्तर पेश हुए डीके शिवकुमार

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार पर मनी लांड्रिंग को लेकर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. डीके शिवकुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है. डीके शिवकुमार पर लगभग आठ करोड़ रुपये के धनशोधन की कोशिश करने का आरोप है, जिसका डीके शिवकुमार लगातार खंडन करते रहे हैं. कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचन कहे जाने वाले डीके शिवकुमार ने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वह बदले की भावना से प्रेरित होकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार की शाम को उन्हें नोटिस भेजा था जिसमें उन्हें शुक्रवार को दिल्ली प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पेश होने का आदेश लिखा है.

शुक्रवार को डीके शिवकुमार प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे और मीडिया से बातचीत में बताया कि, "यह बदले के इरादे से की जा रही कार्रवाई है. मैं आखिर दम तक लड़ूंगा. वो मेरे से जो चाहे करें, गिरफ्तार करें.'' शिवकुमार ने आगे कहा कि, 'मैं कानून पर भरोसा रखने वाला व्यक्ति हूं. मेरे पास बहुत से विकल्प हैं जिन्हें मै तलाश रहा हूं'.

डीके शिवकुमार पर साल 2017 में आयकर विभाग ने 8 करोड़ रुपये जब्त किए थे. हालांकि शिवकुमार का दावा है कि वह काला धन नहीं था और उसके कागजात आयकर विभाग को दिए जा चुके हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में गुजरात के राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात से कांग्रेस विधायक बेंग्लुरू लाए गए ताकि उन्हें खरीद-फरोख्त से बचाया जा सके जिसमें वो सफल भी रहे, जिसकी वजह से कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल राज्यसभा चुनाव जीत गए. वहीं मई 2018 में एक बार फिर डीके शिवकुमार ने बीजेपी को झटका देते हुए कर्नाटक विधानसभा में वोटिंग से पहले नाराज विधायकों को अपने पाले में ले आने की वजह से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी थी जो कि बाद में गिर गई और येदियुरप्पा दोबारा कर्नाटक के सीएम बनें.