राजनाथ सिंह ने विजय मशाल प्रज्ज्वलित कर शहीदों को किया याद, जानें कारगिल युद्ध का इतिहास
साल 1999 के कारगिल युद्ध के बारे में सोचकर आज भी भारतीयों का मन गर्व से भर उठता है.
नई दिल्ली:
साल 1999 के कारगिल युद्ध के बारे में सोचकर आज भी भारतीयों का मन गर्व से भर उठता है. यह ऐसा युद्ध था, जिसमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था. 26 जुलाई को कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे हो जाएंगे. कारगिल युद्ध के शहीदों की याद में भारतीय सेना कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है. करगिल के जांबाजों की याद में दिल्ली के वॉर मेमोरियल से एक विजय मशाल निकाली जाएगी.
यह भी पढ़ेंः 53 साल पहले बरेली के बाजार में गिरा था झुमका, अब ऐसे मिलेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विजय मशाल को जलाकर कारगिल के शहीद जवानों को याद किया. इस मौके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत भी मौजूद रहे. कारगिल के वीरों की याद में इंडिया गेट के वॉर मेमोरियल से यह मशाल द्रास के उसी मेमोरियल तक जाएगी, जहां वीरों की गौरवगाथा लिखी है. कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में भाग ले चुके सैनिकों के अलावा एनसीसी कैडेट्स और छात्र भी शामिल होंगे.
यह भी पढ़ेंः Video: आम्रपाली ने जब निरहुआ को दिया 'चुम्मा', तो दिनेशलाल के बॉडी का हिल गया पुर्जा
बता दें कि मशाल की डिजाइन बेहद अलग है. इसका सबसे ऊपर का हिस्सा कॉपर का, बीच का हिस्सा कांसे का और नीचे का हिस्सा लकड़ी का है. अमर जवानों के त्याग को दर्शाने वाला चिह्न बीच में है. कारगिल विजय को अभी 12 दिन बाकी हैं. 11 शहरों से होते हुए ये मशाल द्रास तक पहुंचेगी. मशाल को टाइगर हिल, तूलिंग प्वाइंट और प्वाइंट 4875 पर भी ले जाया जाएगा.
#WATCH: Union Defence Minister Rajnath Singh lights the ‘Victory Flame’ from National War Memorial in Delhi, which would traverse through 11 towns and cities to finally culminate at Drass where the flame will be merged with the eternal flame at the ‘Kargil War Memorial’. pic.twitter.com/LtsIMsB5Qa
— ANI (@ANI) July 14, 2019
कारगिल युद्ध की ये हैं अहम बातें
- कारगिल युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 3 जुलाई से 26 जुलाई के बीच लड़ा गया था.
- इस युद्ध में भारत के 522 जवान शहीद हुए थे. इनमें 26 अफसर, 23 जेसीओ और 473 जवान शामिल थे. घायल सैनिकों की तादाद 1363 थी.
- युद्ध में पाकिस्तान के 453 सैनिक मारे गए थे.
- कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था. यहां करीब 5 हजार पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे.
- पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय वायुसेना ने मिग-27 और मिग-29 का इस्तेमाल किया था.
- भारत की ओर से 2 लाख 50 हजार गोले दागे गए थे. 300 से ज्यादा मोर्टार, तोप और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था.
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला ऐसा युद्ध था, जिसमें दुश्मनों पर इतनी बमबारी की गई.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य