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Kargil Vijay Diwas: Indian Army ने ऐसे छुड़ाए थे पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के

भारत ने 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इसीलिए इसे विजय दिवस भी कहा जाता है.

Updated on: 25 Jul 2019, 11:47 PM

नई दिल्ली:

Kargil Vijay Diwas 2019: भारत ने 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इसीलिए इसे विजय दिवस भी कहा जाता है. यह दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है. इसलिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है.

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भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है. लगभग 60 दिनों तक कारगिल युद्ध चला था और जुलाई के अंत में 26 जुलाई को इसका अंत हुआ था. कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है पर भारत ने जीत हासिल की थी. ऑपरेशन विजय पर विजय हासिल करने से ही इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाली जगहों पर हमला किया था और धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापस जाने को मजबूर किया. यह युद्ध ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ था और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन भारत ने यह युद्ध जीता और दिखा दिया कि उसके जज्बे के सामने कोई नहीं टिक सकता है.

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पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ सेना की ओर से की गई कार्रवाई में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए तो करीब 1363 घायल हुए थे. इस लड़ाई में पाकिस्तान के करीब तीन हजार सैनिक मारे गए थे, मगर पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे. कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए.

आपको यह भी पता होना चाहिए कि एक चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना तीन मई 1999 को दी थी. इसके बाद ही युद्ध शुरू हुआ था. इस युद्ध में पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था. इसलिए भारतीय जवानों को आड़ लेकर या रात में चढ़ाई कर ऊपर पहुंचना पड़ रहा था जोकि बहुत जोखिमपूर्ण था.

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आपको बता दें कि कारगिल लड़ाई में बोफोर्स तोपें सेना के खूब काम आई थीं. भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध में बड़ा योगदान दिया था. भारतीय वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था.