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कानपुर रेल हादसा: जांच के लिए बिहार पहुंची एनआईए की टीम, संदिग्ध 6 दिनों की पुलिस रिमांड में

कानपुर ट्रेन हादसे में पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई की भूमिका की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम बुधवार को बिहार के मोतिहारी जिला पहुंची।

Updated on: 18 Jan 2017, 08:26 PM

नई दिल्ली:

कानपुर ट्रेन हादसे में पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई की भूमिका की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम बुधवार को बिहार के मोतिहारी जिला पहुंची। उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

बिहार पुलिस ने मंगलवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान मोती पासवान, उमाशंकर प्रसाद और मुकेश यादव के रूप में हुई है। इन तीनों को पिछले साल नवम्बर में हुए कानपुर ट्रेन हादसे में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि दुर्घटना के तार आईएसआई से जुड़े हुए हैं।

उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारी के नेतृत्व वाली एनआईए की टीम इन तीनों आरोपियों से पूछताछ करेगी। पुलिस के मुताबिक, पासवान ने स्वीकार किया है कि उसे ट्रेन में विस्फोटक पदार्थ रखने के लिए पैसे दिए गए थे और आईएसआई ने इस पूरी घटना की साजिश रची थी।

पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में रेल ट्रैक और ट्रेन उड़ाने की साजिश में गिरफ्तार हुए तीन शातिर बदमाशों को मोतिहारी कोर्ट ने छह दिनों के पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया है। पुलिस यह जानना चाह रही है कि पकड़े गए लोगों को नेपाल से लेकर भारत के किन-किन स्थानों पर आईएसआई के कनेक्शन के बारे में जानकारी है. साथ ही कानपुर में रेल हादसे को कराने में किस स्तर पर आइएसआइ ने साजिश की थी और उक्त साजिश के तहत कैसे ट्रेन हादसा कराया गया?

मोतिहारी कोर्ट में इस मामले में पुलिस ने अर्जी दी थी जिसके बाद पुलिस को कोर्ट ने हिरासत में लिए गए इन तीनों लोगों को रिमांड पर रखने की इजाजत दे दी है। पुलिस की ओर से न्यायालय में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आदापुर के बखरी निवासी मोती पासवान, मुकेश यादव व रक्सौल के उमाशंकर प्रसाद उर्फ उमाशंकर पटेल को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया गया था।