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चार्जशीट के कॉलम 11 में कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के नाम, जानें क्‍या है इसका मतलब

लगभग तीन साल पहले जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी (JNU) कैंपस के अंदर छात्रों द्वारा नारेबाजी किए जाने के मामले की जांच पूरी हो चुकी है.

Updated on: 14 Jan 2019, 04:21 PM

नई दिल्ली:

जेएनयू में नारेबाजी प्रकरण में दिल्‍ली पुलिस ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए गए हैं, जिसमें कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं, जिनका नाम चार्जशीट के कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं. कॉलम नंबर 11 का मतलब यह होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है. बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखे गए हैं. इनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं. कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले. कोर्ट चाहे तो इन्हें समन कर सकता है. दिल्‍ली पुलिस ने देशद्रोह, दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. इस मामले में कुल 46 आरोपी बनाए गए हैं. चार्जशीट करीब 1200 पेज में दाखिल की गई है. सूत्र बता रहे हैं कि JNU मामले में पुलिस के कुल 90 गवाह हैं और 10 वीडियो क्लिप्स है जो जांच में सही पाई गई हैं. 

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लगभग तीन साल पहले जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी (JNU) कैंपस के अंदर छात्रों द्वारा नारेबाजी किए जाने के मामले की जांच पूरी हो चुकी है. जिसके बाद सोमवार को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की. पटियाला हाउस कोर्ट अब इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगी. दिल्‍ली पुलिस ने चार्जशीट में कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्‍य के अलावा शहला राशिद और सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा को भी नामजद किया है. पुलिस ने इस मामले में IPC (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 124ए (राज - द्रोह), 323 (जान-बुझकर की गई हिंसा), 465 (जालसाजी), 471 (नक़ली दस्तावेज का सही बताकर इस्तेमाल करना), 143, 149, 147 (दंगे की कोशिश), 120बी (अपराधिक षडयंत्र) के तहत चार्जशीट दाखिल किया है.

पटियाला कोर्ट अब इस ममाले में मंगलवार को अगली सुनवाई करेगी. इससे पहले कन्हैया कुमार ने चार्जशीट फाइल करने को लेकर कहा, 'अगर यह ख़बर सच है कि चार्जशीट फ़ाइल हो रही है तो मैं पुलिस और मोदी जी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. चुनाव से ठीक पहले और घटना के तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल करना दर्शाता है कि यह राजनीतिक रुप से प्रेरित होगा. मैं अपने देश की न्यायपालिका में विश्वास करता हूं.'

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जांच रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने पाया कि 9 फरवरी को कैंपस के अंदर कार्यक्रम का आयोजन के लिए अनुमति की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी. बिना अनुमति के ही कन्हैया कुमार के नेतृ्तव में कैंपस के अंदर कार्यक्रम शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं उनके कार्यक्रम को रोकने की कोशिश की गई और बताया गया कि आपके पास किसी तरह की गतिविधि करने का आदेश नहीं है. इसके बाद चार्जशीट के अनुसार, 'ऐसा होने पर कन्हैया कुमार आगे आए और सुरक्षा अधिकारी के साथ बहस करने लगे और इसके बाद भीड़ में मौजूद लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी.'