कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्था रवाना
पहला जत्था लिपुलेख दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर पहुंचेगा और इस दौरान श्रद्धालुओं को कुछ ट्रैकिंग भी करनी पड़ेगी.
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया. इस तीर्थयात्रा के आयोजन में सहयोग प्रदान करने के लिए चीन का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, 'यह दोनों देशों के बीच लोगों के आने-जाने (पीपल टू पीपल एक्सचेंज), दोस्ती और समझ को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.' उन्होंने इस यात्रा के निजी अनुभव भी साझा किए. उन्होंने चीन के राजदूत रहने के दौरान वर्ष 2012 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा की थी.
Commencement of the spiritual journey!
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 11, 2019
EAM @DrSJaishankar flags off the first batch of Kailash Mansarovar Yatra - 2019, while wishing them a safe journey.
The 1st group consists of 58 pilgrims and two Liaison Officers.#KMY2019 pic.twitter.com/IyDHNVKBi5
Flagged off the first batch of 58 Yatris, as they set off to Kailash Manasarovar. Wishing the pilgrims a safe and spiritually-fulfilling journey! It is beyond what you can imagine! #KMY2019 pic.twitter.com/yVw0uPwYG4
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 11, 2019
Recall the memories of my 2012 visit to Kailash Manasarovar. Once in a lifetime experience! pic.twitter.com/FZPSBTUUxD
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 11, 2019
कैलाश मानसरोवर तिब्बत में कैलाश माउंटेन रेंज में 21,778 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हिंदू इसे भगवान शिव का निवास स्थान मानते हैं. जयशंकर ने कहा कि इस तीर्थयात्रा को लेकर लोगों की रुचि लगतार बढ़ती जा रही है. पहला जत्था लिपुलेख दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर पहुंचेगा और इस दौरान श्रद्धालुओं को कुछ ट्रैकिंग भी करनी पड़ेगी.