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जेएनयू छात्रों ने वाम नेताओं के इशारे पर निकाला 'जुलूस', दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बड़े नेताओं के इशारे पर शनिवार को छात्र संगठनों ने आखिरकार सोमवार को संसद की तरफ कूच करने का फैसला किया.

Updated on: 19 Nov 2019, 10:39 AM

highlights

  • दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एक गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा.
  • सोमवार को जेएनयू छात्रों को वाम मोर्चे के कुछ नेताओं ने भड़काया.
  • विपक्ष के कुछ बड़े नेता भी छात्रों को उकसाने में रहे शामिल.

New Delhi:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एक गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के आंदोलनकारी छात्रों की पहले संसद की तरफ मार्च करने की कोई योजना नहीं थी. पुलिस मुख्यालय भेजी गई स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बड़े नेताओं के इशारे पर शनिवार को छात्र संगठनों ने आखिरकार सोमवार को संसद की तरफ कूच करने का फैसला किया.'

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खुफिया जानकारी पर सर्तक रही दिल्ली पुलिस
इस खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने 800 कांस्टेबल और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां जेएनयू में तैनात कर दी थी. साथ ही ऐहतियातन प्रमुख मेट्रो स्टेशन भी बंद करा दिए थे. बताते हैं कि रविवार देर शाम को सरकारी अधिकारियों ने कुछ छात्र संगठनों के साथ एक बैठक की और उनसे संसद की तरफ नहीं जाने का आग्रह किया था. वजह यही बताई गई कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से ही शुरू होने वाला था. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि वाम समर्थित छात्र संगठन एआईएसए, एसएफआई और एआईएसएफ ने जोर देकर कहा कि संसद की ओर जाने का कार्यक्रम टाला नहीं जा सकता.

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पहले समझाने पर पीछे हट गए थे छात्र
सूत्रों ने कहा कि सोमवार सुबह छात्रों की एक भीड़ ने पुलिस बेरीकेडिंग की पहली कतार को तोड़कर अपना रास्ता बना लिया. छात्रों की अगुआई वाम संगठन कर रहे थे. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट कहती है कि बेरीकेड्स टूटने के बाद छात्र शांत हो गए. उन्हें बताया गया कि उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के समझाने पर अधिकांश छात्र समझ गए और पीछे हट गए.

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कुछ छात्रों ने नारेबाजी कर बिगाड़ा माहौल
यह अलग बात है कि कुछ देर बाद हालांकि छात्रों का एक बड़ा समूह अचानक हिंसक हो गया और उसने बेरीकेड्स तोड़ दी तथा अरबिंदो मार्ग से होते हुए नई दिल्ली क्षेत्र की ओर बढ़ गया. पुलिस ने नई दिल्ली जिला की सीमा पर जोर बाग के निकट सफदरजंग मकबरे पर आंदोलनकारी संगठनों को नियंत्रित कर लिया. रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष छात्र संगठन ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर स्थिति को बिगाड़ दिया. इसके बाद लगभग 100 छात्रों ने बेरीकेड्स तोड़ दिए और नई दिल्ली जिला क्षेत्र की ओर बढ़ने का प्रयास किया.

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विपक्ष के बड़े नेताओं ने उकसाया
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बाद में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए इन छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष के कुछ बड़े राजनीतिक दलों के कुछ नेता भी संसद की ओर बढ़ रहे छात्रों को बढ़ावा रहे थे. गौरतलब है कि सोमवार को जेएनयू छात्रों के मार्च के दौरान पुलिस ने काफी संयम से काम लिया. इसके बावजूद मामूली झड़प में दो दर्जन के आसपास छात्र घायल हो गए.