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लोकसभा के बाद राज्यसभा में तीन तलाक बिल का विरोध करेगी JDU, जानें क्यों

राज्यसभा में तीन तलाक (Triple Talaq) संबंधी विधेयक को पारित कराने के सरकार के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने शनिवार को कहा कि वह उच्च सदन में इस विधेयक का विरोध करेंगे.

Updated on: 28 Jul 2019, 06:37 AM

नई दिल्ली:

राज्यसभा में तीन तलाक (Triple Talaq) संबंधी विधेयक को पारित कराने के सरकार के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने शनिवार को कहा कि वह उच्च सदन में इस विधेयक का विरोध करेंगे. जदयू के महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने विधेयक की निंदा करते हुए कहा कि यह थोपे जाने वाली प्रकृति का है और निश्चित रूप से समाज में विश्वास की कमी पैदा करेगा.

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इस विधेयक में एक बार में तीन तलाक देने वाले मुस्लिमों को तीन साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है. उन्होंने जोर देकर कहा, हम विधेयक का विरोध करेंगे. सूत्रों का कहना है कि यह विधेयक सोमवार को राज्यसभा में चर्चा एवं पारित कराने के लिए पेश किया जा सकता है. लोकसभा में यह विधेयक 25 जुलाई को पारित हुआ था और इसे अब कानून में तब्दील होने और अध्यादेश की जगह लेने के लिए राज्यसभा की मंजूरी पानी होगी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जदयू ने लोकसभा में विधेयक के समर्थन में वोट नहीं किया था और बहिर्गमन किया था. हालांकि इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि भाजपा के पास निचले सदन में अपने पास मजबूत बहुमत हासिल है. जदयू राज्यसभा में भी इसी तरह का रुख अपना सकती है.

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राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए संख्या जुटाना भाजपा के लिए चुनौती है, क्योंकि उसके पास इस सदन में बहुमत नहीं है और वह बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों पर निर्भर है जिनका न तो भाजपा नीत राजग और ना ही विपक्ष की तरफ झुकाव है.