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2+2 वार्ता के लिए जापान के विदेश-रक्षा मंत्री ने PM मोदी से की मुलाकात, शिंजो आबे को लेकर कही ये बात

पीएम मोदी ने कहा कि वह और जापानी पीएम शिंजो आबे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को काफी महत्व देते हैं

Updated on: 30 Nov 2019, 08:27 PM

नई दिल्ली:

जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने शनिवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. रक्षा और विदेश मंत्री भारत और जापान के बीच होने वाली टू प्लस टू वार्ता के लिए भारत आए हैं. मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता की मुख्य चाबी भारत-जापान संबंध हैं. पीएम मोदी ने कहा कि वह और जापानी पीएम शिंजो आबे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को काफी महत्व देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अगले महीने भारत-जापान एनुएल कॉन्फ्रेंस में शिंजो आबे के आने का इंतजार रहेगा.

दोनों देशों के बीच बातचीत का मुख्य अंश हिंद प्रशांत क्षेत्र समेत सामरिक रूप से अहम जल क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर होगा. ऑफिसर्स के मुताबिक, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे, जबकि जापान की ओर से विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी और रक्षामंत्री तारो कोनो वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं. 2+2 वार्ता के लिए विदेश और रक्षा मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी और तारो कोनो शनिवार सुबह दिल्ली पहुंच गए.

वहीं जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्स मोतेगी ने कहा कि यह साल काफी महत्वपूर्ण है. भारत जापान संबंध विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के लिए यह 5 वीं वर्षगांठ है. भारत-जापान के बीच काफी मधुर संबंध हैं. वहीं जापान के रक्षा मंत्री कोनो तारो ने शनिवार को हिंडन में भारतीय वायु सेना अड्डे का दौरा किया. वे दो दिवसीय दौरे पर द्विपक्षीय बातचीत के लिए इंडिया आए हैं. रक्षा मंत्री कोनो तारो के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी साथ आए हैं.

प्रतिनिधिमंडल को एयर मार्शल डी चौधरी, पश्चिमी एयर कमांड के वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर और एयर Air Cmde आर तलवार, एयर ऑफिसर कमांडिंग ने हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर रिसिव किए. अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना के संगठनात्मक और संरचनात्मक को लेकर अवलोकन किया. भारतीय वायु सेना के संगठनात्मक ढांचे और भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्हें स्टेशन, इसकी परिचालन भूमिका और अड्डे पर उपलब्ध परिसंपत्तियों के बारे में भी जानकारी दी.