logo-image

लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास, पक्ष में 351 और विपक्ष 72 वोट पड़े

राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 बिल पास हो गया है.

Updated on: 06 Aug 2019, 08:08 PM

नई दिल्ली:

राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 बिल पास हो गया है. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर लाए गए संकल्प प्रस्ताव पर सदन का मत लिया गया. विपक्षी सांसदों ने सदन में वोटिंग की मांग की है, जिसके बाद इसकी प्रक्रिया हुई. इलेक्ट्रॉनिक मशीन से सदन में वोट डाले गए. इसके पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े हैं. एक सांसद गैर मौजूद रहा, जबकि कुल 424 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है.

यह भी पढ़ेंः विराट कोहली की तरह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं स्टीव स्मिथ: जस्टिन लैंगर

लोकसभा में अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार किया गया है. इसके पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े हैं. एक सांसद गैर मौजूद रहा, जबकि कुल 424 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है. इस संकल्प में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का प्रावधान शामिल है. लोकसभा में अब राज्य पुनर्गठन बिल और जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल पर सदन में विचार किया गया. इस पर वोटिंग हुई जिसमें बिल के पक्ष में 366 और विपक्ष में 66 वोट पड़े. सदन को विचार के लिए ले लिया गया है. विधेयक पर लाए गए संशोधनों पर अब सदन का मत लिया जा रहा है. राज्यसभा से पास हो चुके जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा से भी वोटिंग के बाद पास कर दिया गया. इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े. 

यह भी पढ़ेंः धारा 370 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान किसने क्‍या कहा, जानिए एक नजर में 

लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा, 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू हुआ था जो आज खत्म हो रहा है, जिसमें कुल 37 बैठकें हुआ, जो करीब 280 घंटे तक चली. सत्र की पहली बैठक कुछ देर मौन रहकर शुरू हुई थी. 17 और 18 जून को कुल 539 सदस्यों ने शपथ ली. 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का प्रस्ताव रखा गया और सभा को मुझे चुनने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं. 

लोकसभा स्पीकर ने कहा, सभा ने 24 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को 13 घंटे की चर्चा के बाद स्वीकार किया. साथ ही अहम विधायी कामों को निपटाया गया. बजट पर 23 घंटे, रेलवे अनुदानों पर 13 घंटे, सड़क अनुदान मांगों पर 7 घंटे, ग्रामीण विकास अनुदानों पर 9 घंटे, युवा मामलों की मांगों पर 4 घंटे तक चर्चा चली. अन्य बकाया अनुदान मांगों को 17 जुलाई को रखा गया और स्वीकार किया गया. वर्तमान सत्र में कुल 36 विधेयक पारित हुए और संसद के अंदर 1992 से आजतक सबसे ज्यादा बिल आप सभी ने पारित किए हैं.

यह भी पढ़ेंःलोकसभा में बोले अमित शाह, कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने में हमें 70 साल नहीं लगेंगे

लोकसभा स्पीकर ने कहा, सदन ने करीब 70 घंटे देर तक बैठक चर्चा की साथ ही नए सांसदों को भी ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछने का मौका मिला. लोकसभा में अब वंदे मातरम गाया जा रहा है और इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.