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जम्मू-कश्मीर पर संसद कानून कैसे बना सकती है, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

जम्मू-कश्मीर पर संसद कानून कैसे बना सकती है, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

Updated on: 06 Aug 2019, 12:17 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पूनर्गठन बिल 2019 पर चर्चा हो रही है. कांग्रेस की तरफ मनीष तिवारी सदन में अपना पक्ष रख रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि, जम्‍मू-कश्‍मीर पर संसद खुद कैसे फैसला ले सकती है, जब वहां की विधानसभा भंग है. उन्होंने जम्‍मू-कश्‍मीर का इतिहास बताते हुए कहा, भारत में किसी ने विलय किया था, तो वो जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी, जिन्‍होंने जम्‍मू-कश्‍मीर को भारत का अभिन्‍न अंग बनाया. मनीष तिवारी ने कहा, सारा इतिहास बताने की जरूरत इसलिए महसूस हुई, क्‍योंकि सरकार जो विधेयक लेकर आई है, इसमें राज्‍य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही गई है.

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मनीष तिवारी ने कहा, संविधान की धारा 3 के अनुसार, किसी भी राज्‍य की बाउंड्री से छेड़छाड़ से पहले यह जरूरी है कि उस राज्‍य से परामर्श जरूरी है. अब जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा है नहीं और संसद से कहा जा रहा है कि खुद से राय-मशविरा कर लें.

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मनीष तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा, आज आप धारा 370 समाप्‍त कर रहे हैं तो पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों को क्‍या संदेश भेज रहे हैं, कल क्‍या सरकार 371 को भी समाप्‍त किया जाएगा.

मनीष तिवारी ने कहा, जम्‍मू-कश्‍मीर के संविधान का क्‍या हुआ, उसका अलग संविधान है, जो 26 जनवरी 1957 को लागू हुआ था. अब उस संविधान का क्‍या होगा, क्‍या उसे खारिज करने के लिए विधेयक लाया जाएगा. उन्होंने कहा, मैं बहुत विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि यह संवैधानिक त्रासदी है, जो आज सदन में हो रहा है.