JNU हिंसा को लेकर कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप, हमले के पीछे गृह मंत्रालय और HRD का है हाथ
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के खिलाफ एक ओर छात्रों का प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी मोदी सरकार को घेर रही है.
नई दिल्ली:
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के खिलाफ एक ओर छात्रों का प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी मोदी सरकार को घेर रही है. इसी के तहत कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मोदी सरकार पर जमकर वार किया. जयराम रमेश ने कहा कि जेएनयू में हुए हिंसा के पीछे गृहमंत्री और एचआरडी मंत्री हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा, जेएनयू हिंसा के 72 घंटे हो चुके हैं. यह घटना छात्रों द्वारा सुनियोजित नहीं था. हम सभी को पता है कि इसके पीछे कौन है. एचआरडी और गृहमंत्री इस हिंसा के पीछे हैं. यह अधिकारिक रूप से प्रायोजित गुंडावाद है.
Congress leader Jairam Ramesh, Congress on #JNUViolence: It has been 72 hours, the incident was not sudden but planned. We all know who is behind it. MHRD and Home Minister are behind the violence. This is ‘Official Sponsored Gundaism’. pic.twitter.com/rppXXKNEcl
— ANI (@ANI) January 9, 2020
जयराम रमेश ने कहा, 'जिन नकाबपोश लोगों ने कैंपस में हमला किया था, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के वीसी को तुरंत त्याग पत्र देना चाहिए.'
पीएम मोदी पर हमला करता हुए जयराम ने कहा कि PM 2.0 आज PM 2.5 से अधिक खतरनाक है.
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गौरतलब है कि गुरुवार को जेएयनू के छात्र दिल्ली में मार्च कर रहे हैं. छात्र वीसी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही हिंसा करने वालों पर एक्शन की भी छात्रों ने मांग की है. वहीं पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए छात्रों को मार्च की इजाजत नहीं दी. उन्हें बस में बैठकर मंडी हाउस ले जाया गया है.
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वहीं, कुलपति एम जगदीश ने कहा कि कैंपस के अंदर हिंसा हुई. उससे पहले सर्वर रूम पर हमला किया गया. सर्वर रूम तोड़ने की कोशिश की गई. हिंसा के बाद भी ऐसी कोशिश हुई. इससे साफ जाहिर होता है कि कैंपस में जो कुछ भी हुआ, उसके पीछे सुनियोजित साजिश थी. कुलपति ने कहा, छात्रों, फैकल्टी और अन्य सभी लोगों से बात करने के लिए जेएनयू प्रशासन तैयार है, लेकिन छात्रों की तरफ से जरा भी लचीला रुख नहीं अख्तियार किया जा रहा. इसी वजह से विश्वविद्यालय में पढ़ाई ठप है.
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