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हाथी दांत-चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी भाजपा में हुई शामिल

2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात चंदन व हाथीदांत तस्कर (Ivory Tusk Smuggler) वीरप्पन (Veerappan) की बेटी विद्या रानी भाजपा (BJP) में शामिल हो गई है.

Updated on: 24 Feb 2020, 06:54 AM

highlights

  • वीरप्पन की बेटी विद्या रानी भाजपा में शामिल हो गई है.
  • राजनीतिक दलों के 1,000 से अधिक सदस्य भाजपा में शामिल.
  • वीरप्पन को 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.

नई दिल्ली:

वर्ष 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात चंदन व हाथीदांत तस्कर (Ivory Tusk Smuggler) वीरप्पन (Veerappan) की बेटी विद्या रानी भाजपा (BJP) में शामिल हो गई है. विद्या रानी के साथ कई अन्य लोग भी शनिवार को भाजपा में शामिल हुए. कृष्णगिरि में हुए पार्टी के कार्यक्रम में पार्टी महासचिव मुरलीधर राव, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन व अन्य लोग भी मौजूद रहे. विद्या रानी ने कहा कि वह जनता की सेवा के लिए पार्टी में शामिल हुई हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता गलत रास्ते के जरिए लोगों की सेवा करना चाहते थे.

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वीरप्पन ने किए थे कई अपहरण
वीरप्पन ने 2000 में कन्नड़ अभिनेता राजकुमार और 2002 में कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच. नागप्पा का अपहरण कर लिया था. वीरप्पन को 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. इस बीच तमिलनाडु भाजपा ने रविवार को कहा कि उसके सदस्य 28 फरवरी को सभी जिलों में जुलूस निकालेंगे. यह जुलूस देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए निकाला जाएगा. वीरप्पन के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं. ऐसा कहा जाता था कि उसने कुल दो हजार हाथी मारे, ताकि उनके दांतों की तस्करी की जा सके. हजारों चंदन के पेड़ काट डाले. ना जाने कितने लोगों की हत्या कर दी. वीरप्पन रबड़ के जूते में पैसे भर के जमीन में गाड़कर रखता था.

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बेटी ने जताई गरीबी पर चिंता
पार्टी के जनरल सिक्रेटरी मुरलीधर राव और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधाकृष्णन इस कार्यक्रम में मौजूद थे. विद्या रानी ने कहा, 'मैं अपनी जाति और धर्म के बावजूद गरीबों और वंचितों के लिए काम करना चाहती हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं लोगों के लिए हैं और मैं उन्हें लोगों तक ले जाना चाहती हूं.' विद्या रानी के अलावा इस आयोजन में अन्य राजनीतिक दलों के 1,000 से अधिक सदस्य भाजपा में शामिल हुए. वीरप्पन की मौत के बाद उनकी पत्नी मुत्तुलक्ष्मी अब वो सलेम में सामाजिक कल्याण से कामों से जुड़ी हुई है. उन्होंने 2006 में तमिलनाडु का विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गईं. 2018 में उन्होंने ग्रामीणों का एक संगठन बनाने की घोषणा की थी.