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ब्रिटेन में मध्यावधि चुनाव का दांव थेरेसा मे पर पड़ा भारी, कंजर्वेटिव पार्टी बहुमत से रह गई दूर

थेरेसा मे ने मध्यावधि चुनाव कराने का फैसला लिया था। थेरेसा का यह दांव उनपर ही उलटा पड़ गया।

Updated on: 09 Jun 2017, 03:39 PM

नई दिल्ली:

ब्रिटेन में हुए मध्यावधि चुनाव संपन्न हो गए हैं। नतीजे त्रिशंकु रहे हैं। इससे पहले थेरेसा मे ने मध्यावधि चुनाव कराने का फैसला लिया था। थेरेसा का यह दांव उनपर ही उलटा पड़ गया। हालांकि साउथ-ईस्ट इंगलैंड से चुनाव लड़ रही थेरेजा मे ने 37,780 वोटों से जीत दर्ज की।

थेरेसा की पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। हालांकि शुक्रवार को हुए मतगणना में कंजर्वेटिव पार्टी ब्रिटेन की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

अब तक आंकड़ो के अनुसार कंजर्वेटिव ने कुल 650 सदस्यीय संसद में 313 सीटें जीत ली हैं और लेबर को 260 पर जीत हासिल हुई है। वहीं, लिबरल डेमोक्रैटिस को 12, एसएनपी को 35 सीटें हासिल हुई हैं। किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत में आने के लिए 326 सीटों की जरूरत है।

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इस चुनाव में कंजर्वेटिव और एसएनपी दोनों पार्टियों को सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है। 2015 में हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव को 331, लेबर को 232, लिब डेम को 8 और एसएनपी ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

पार्टी को बहुमत न दिला पाने के कारण अब उनपर इस्तीफे का दबाव है। वहीं एक्जिट पोल में कंजर्वेटिव को 318 सीटें, लेबर को 267 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।

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आखिरी परिणाम आने से पहले थेरेसा ने कहा था कि ब्रिटेन को स्थिरता की जरूरत है। कॉर्बिन ने इससे पहले ट्विटर पर यह दावा किया था कि लेबर पार्टी ब्रिटेन की राजनीति का चेहरा बदल देगी।

विपक्षी दल लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा, 'राजनीति बदल गई है और यही लोग कह रहे हैं। मुझे नतीजों पर गर्व है और उम्मीद का मतदान हुआ है। प्रधानमंत्री ने चुनाव की घोषणा की कि क्योंकि वह जनादेश चाहती थीं, और जनादेश यह है कि वह हार गई हैं।'

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