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इन खूबसूरत चेहरों के झांसे में आए, तो सब कुछ गंवा के भी होश में नहीं आ सकेंगे

पाकिस्तान में बैठी लड़कियां सोशल साइट्स के जरिये सेना के जवानों को निशाना बना उनसे अहम जानकारियां हासिल करने की फिराक में हैं.

Updated on: 14 Nov 2019, 08:23 PM

highlights

  • पाकिस्तान में बैठी लड़कियां सोशल साइट्स के जरिये जवानों को बना रहीं निशाना.
  • आईएसआई के निर्देश पर इन खूबसूरत हसीनाओं ने फैलाया 'खूबसूरती का जाल'.
  • अलग-अलग नाम से सोशल मीडिया अकाउंट खोल फंसा रहीं जवानों को.

New Delhi:

कश्मीर और उसके बाद अयोध्या मसले से बौखलाया पाकिस्तान अब भारत को चोट पहुंचाने के लिए नई-नई साजिशें रच रहा है. कश्मीर मसले पर दुनिया भर में अपनी किरकरी करा चुका पाकिस्तान अब नकली नोटों की सप्लाई, साइबर अपराधों को अंजाम देने के अलावा ऐसी ही कई घटिया हरकतों पर उतारू है. हालांकि उसका फेंका एक दांव देश को बहुत बड़ी चोट पहुंचा सकता है और वह है 'हनी ट्रैप' का जाल. इस नापाक षड्यंत्र के तहत पाकिस्तान में बैठी लड़कियां सोशल साइट्स के जरिये सेना के जवानों को निशाना बना उनसे अहम जानकारियां हासिल करने की फिराक में हैं. बीते दिनों इस नापाक साजिश को लेकर भारतीय़ सेना ने अपने जवानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए जवानों को सोशल मीडिया साइट्स से दूर रहने को कहा है.

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आईएसआई ने बिछाया 'हसीनाओं का जाल'
पाकिस्तान के इस छ्ल का भारतीय मिलिट्री इंटेलीजेंस ने पर्दाफाश किया है. मिलिट्री इंटेलीजेंस ने सेना के जवानों को 'हनी ट्रैप' का शिकार बनाने वाली पाकिस्तानी युवतियों को बेनकाब किया है. ये हसीनाएं अपने हुस्न के जाल में फंसा कर सेना के जवानों को जासूसी करने पर मजबूर करती थीं. मिलिट्री एजेंसी के पास पुख्ता जानकारी है कि ये युवतियां पाकिस्तानी नागरिक हैं और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये काम करती हैं. मिलिट्री इंटेलीजेंस द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक कराची की रहने वाली ये हसीनाएं लंबे समय से आईएसआई के लिए काम कर रही थीं और कई बार भारतीय सीमा में आ चुकी हैं.

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फर्जी अकाउंट से फांसती हैं जवानों को
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने अपनी जांच में यह भी पता लगाया है कि दरअसल इस लड़की ने एक दो नहीं, बल्कि 15 फर्जी फेसबुक अकाउंट बना रखे हैं. अलग-अलग जवानों पर डोरे डालने के लिए अलग-अलग नाम से फर्जी अकाउंट बना कर उनका इस्तेमाल किया जाता था. एक बार जवान इसकी गिरफ्त में आ जाए तो फिर ये येन-केन-प्रकारेण उन्हें बरगला कर सेना से संबंधित खुफिया जानकारियां हासिल कर लेती थीं. जांच में जानकारी के एवज़ में जवानों को पैसे दिए जाने की बात भी सामने आई है. अब तक आधा दर्जन से ज्यादा जवानों को अलग-अलग एजेंसियों ने पकड़ा है.

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आईएसआई का हैंडलर पकड़ा जा चुका है
अक्तूबर 2018 में बुलंदशहर से आईएसआई का हैंडलर आसिफ अली गिरफ्तार किया गया था. इसके पास से भारतीय सेना से जुड़े कई अहम दस्तावेज़, पाकिस्तान का सिम कार्ड, पाकिस्तानी पासपोर्ट आदि भी बरामद हुए थे. पता चला है कि इस युवती का संपर्क आसिफ से भी था. आसिफ फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. खुफिया समेत मिलिट्री पुलिस ने आसिफ से पूछताछ में कई अहम जानकारियों का खुलासा किया था. इसके बाद ही 'हनी ट्रैप' के षड्यंत्र का खुलासा बड़े पैमाने पर हो सका.

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इस तरह करती थीं काम हसीनाएं
इस युवती का काम करने का अपना अनूठा तरीका था. यह युवती फेसबुक पर वर्दी में फोटो डालने और प्रोफाइल में सेना में होने की जानकारी देने वाले जवानों को टारगेट करती थी. झांसे में आए जवानों का नंबर लेकर बात करना शुरू करती थी. फिर धीरे-धीरे सेना से जुड़ी जानकारियां मांगनी शुरू करती थी. ये कॉल भारतीय नंबर वाले व्हाट्स एप्प और इंटरनेट से करती थीं. एक बार इनके चक्कर में आया जवान इनकी बातों में फंस कर सारी जानकारियां उपलब्ध करा देता था.

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देश भर में फैले तार
गौरतलब है कि दानापुर बिहार झारखंड सब एरिया मुख्यालय में तैनात सिपाही सुरजीत सिंह द्वारा सेना की गोपनीय रिपोर्ट लीक करना का मामला इस वर्ष मई में सामने आया था. इसके खिलाफ कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी बैठा दी गई और उसे तत्काल मुख्यालय से हटा दिया गया. इस सिपाही के विषय में जानकारी मिली कि यह झारखंड की आईएसआई महिला एजेंट से फेसबुक पर जुड़कर सेना की जानकारी साझा कर रहा था. इसके मोबाइल का सीडीआर निकाला गया, तो महिला से लगातार बातचीत का रिकॉर्ड मिला.

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सेना से लगाई सोशल मीडिया पर रोक
इसके बाद 'हनी ट्रैप' के मामलों में सेना सतर्क हुई और उसने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए. इसके तहत सेना ने जवानों और अधिकारियों को किसी भी सोशल मीडिया साइट पर सेना की वर्दी वाली फोटो डालने की सख्त ताकीद की. सोशल मीडिया पर खुद को सेना का अंग होने की जानकारी देने से भी मना किया गया.
अजनबी से दोस्ती और फोन पर बात करने से भी सैन्यकर्मियों को मना किया गया. संक्षेप में सेना का सीधा-सीधा आदेश यह था कि किसी भी तरह से सोशल मीडिया साइट्स से दूर रहा जाए.

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हाल में शिकार हुए सैन्यकर्मी
अगस्त 2014-नायब सूबेदार पाटण कुमार पोद्दार (सिकंदराबाद)
जून 2018-दो जवान (झांसी)
अक्तूबर 2018-सिग्नल कोर का जवान (मेरठ)
जनवरी 2019-सिपाही सोमवीर (जैसलमेर)
मई 2019-सिपाही जसप्रीत सिंह (दानापुर)
मई 2019-नायक अविनाश कुमार (मध्य प्रदेश)