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पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एक दिन पहले गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री को 4 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया.

Updated on: 23 Aug 2019, 07:50 AM

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) आज INX मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. उनकी अपील पर न्यायमूर्ति आर भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ सुनवाई करेगी. एक दिन पहले गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री को 4 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया. मंगलवार को दिल्‍ली हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. बुधवार को शीर्ष अदालत ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया था. बुधवार रात में ही पी चिदंबरम को सीबीआई ने हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद दिल्‍ली के जोरबाग स्‍थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था.

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INX मीडिया केस में गुरुवार को चिदंबरम को दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने 26 अगस्त तक CBI रिमांड पर भेज दिया था. चिदंबरम को गुरुवार दोपहर को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां सीबीआई ने चिदंबरम की रिमांड मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. सीबीआई की ओर से दलीलें पेश करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और प्री-चार्जशीट स्टेज में है.

पी चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक एम सिंघवी ने दलीलें पेश कीं. कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि मामले के सभी आरोपी भास्कर रमन, कार्ति चिदंबरम, पीटर और इंद्राणी मुखर्जी सहित जमानत पर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एफआईपीबी की मंजूरी वरिष्ठ अधिकारियों ने दी थी, जिन्‍हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. कपिल सिब्‍बल ने कहा, जमानत देना एक नियम है और अदालत के समक्ष यह मुद्दा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का है. सीबीआई जो कह रही है उसे यथा सत्‍य नहीं माना जा सकता .

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सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम ने गुरुवार सुबह एजेंसी के अधिकारियों से उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध किया था क्योंकि वह 24 घंटे तक नहीं सोए थे, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई रात में ही हिरासत में ले लिया गया.

वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए INX मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए CBI ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने 2018 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.