बुरहान की बरसी पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए घाटी में Internet सेवा ठप
कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर अमरनाथ यत्रियों को जम्मू से घाटी की ओर रवाना होने की अनुमति नहीं दी गई
highlights
- घाटी में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
- पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की तीसरी बरसी
- अलगाववादी नेता कर रहे हैं बंद का ऐलान
नई दिल्ली:
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी (Hizbul Commander Burhan Wani) की बरसी पर अलगाववादियों (Separatist leader) द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन (Protest) को रोकने के लिए सोमवार को श्रीनगर शहर के कई हिस्सों और घाटी के अन्य स्थानों पर प्रतिबंध लागू किए गए हैं. न केवल दुकानें, व्यवसाय और परिवहन बंद हैं बल्कि इंटरनेट सेवाएं (Internet Service) भी रोक दी गई हैं और यहां तक कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के जत्थे को भी रवाना होने से रोक दिया गया. अलगाववादी समूह, सईद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक की अगुवाई वाले ज्वाइंट रेजिस्टेन्स लीडरशीप (JRL) ने लोगों से अपील की है कि वानी की तीसरी बरसी पर घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करें और आहूत बंद का समर्थन करें.
वानी अपने दो साथियों के साथ 8 जुलाई, 2016 को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था. वानी कश्मीर में आतंकवादियों के लिए एक पोस्टर बॉय बन गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नौहट्टा, खानयार, रैनावारी, एम.आर. गंज और सफाकदल आदि इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं. भड़काऊ पोस्ट और तस्वीरों के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है.
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कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर अमरनाथ यत्रियों को जम्मू से घाटी की ओर रवाना होने की अनुमति नहीं दी गई. श्रीनगर शहर और घाटी के अन्य हिस्सों में दुकानें, सार्वजनिक परिवहन, अन्य व्यवसाय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. हालांकि, यहां मुख्य शहर से दूर के इलाकों में कुछ निजी गाड़ियां और तिपहिया वाहन नजर आए. अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते अंतर-जिला परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. किसी भी घटना से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं अस्थाई रूप से बंद की गईं
अलगाववादी नेताओं आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी को तीसरी बरसी पर याद करने के लिए सोमवार को कश्मीर-व्यापी विरोध तथा बंद का आह्वान किया है, अलगाववादियों के इस ऐलान के बाद अधिकारियों ने दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधा को निलंबित कर दिया है. मीरवाइज उमर फारूख, यासिन मलिक और सैयद अली गिलानी सहित तमाम अलगाववादी दलों के एक समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने लोगों से अपील की है कि वे ‘बुरहान वानी की शहादत’ याद रखने के लिए सोमवार को कश्मीर बंद करें. अलगाववादी नेताओं की इस योजना को विफल करने के लिए सैन्य अधिकारियों ने पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां जिलों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है.
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कानून व्यवस्था के लिए उठाए जाएंगे उचित कदम
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पुलिस ने बताया कि, ‘कश्मीर घाटी में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे.’ एक जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को देखते हुए दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग जिलों से होकर गुजरने वाले जम्मू एवं श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है यहां पर भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त को खत्म होगी इस यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जम्मू कश्मीर के राजमार्गों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था वानी
आपको बता दें कि पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडरों में से एक था. जिसे 8 जुलाई 2016 को सेना ने मार गिराया था.सेना ने बुरहान वानी को उसकी एक महिला मित्र की मदद से बुलवाया था जिस घर में बुरहान वानी छुपा था सेना ने उस मकान में आग लगा दी थी जिससे बचने के लिए वानी घर से बाहर निकल कर भागा लेकिन बाहर सेना ने पहले से वानी की मौत का जाल बिछा रखा था, जैसे ही वानी अपनी जान बचाने के लिए घर से बाहर निकला वैसे ही सेना ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और उसे मार गिराया. बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी थी. उस समय कश्मीर में हिंसक घटनाओं के दौरान लगभग एक दर्जन लोग मारे गए थे, जबकि इस दौरान कई भारतीय सैनिकों को भी शहादत देनी पड़ी थी.
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