ISRO के सैटेलाइट से जुड़ी भारतीय रेल, इंजन में लगाया रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम, मिल रहा ये फायदा
ट्रेनों की वस्तुस्थिति से समय पालन में सहायता मिल रही है. जो ट्रेनों के परिचालन में मददगार हो रहा है
नई दिल्ली:
भारतीय रेल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर ट्रेन इंजनों में रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (RTIS) लगाया है. जो सेटेलाइट्स की मदद से डेटा भेजने का काम करती है. इससे ट्रेनों की वस्तुस्थिति से समय पालन में सहायता मिल रही है. जो ट्रेनों के परिचालन में मददगार हो रहा है.
भारतीय रेल ने इसरो ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ के साथ मिलकर ट्रेन इंजनों में रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम(RTIS) लगाया है, जो सैटलाइट्स की मदद से डेटा भेजने का काम करती इससे ट्रेनों की वस्तुस्थिति से समय पालन मैं सहायता मिल रही है जो ट्रेनों के परिचालन में मददगार हो रहा है। pic.twitter.com/btlahIdcOt
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 24, 2019
वहीं इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या पर केंद्र की कई योजनाओं का ऐलान करते हुए रेलवे चेयरमैन के बारे में भी नयी घोषणा की है. जावड़ेकर ने कहा कि इंडियन रेलवे मैनजमेंट सर्विस सभी 8 अलग-अलग सर्विसेज को एक करने का फैसला लिया गया है. अब रेलवे बोर्ड का चेयरमैन को IAS ऑफिसर नहीं होगा वो रेलवे का ही होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे बोर्ड का चेयरमैन अब इंडियन रेलवे मैनजमेंट सर्विसेज से होगा.
इसके पहले मोदी कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी गई है. सरकार एक अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनसंख्या का नया डाटाबेस तैयार करेगी. न कागज, न प्रूफ, न बॉयोमीट्रिक सिर्फ ऐप के जरिये जनगणना होगी. यह पहली बार होगा कि जनगणना में ऐप का इस्तेमाल होगा. कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने इसकी जानकारी दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 2005 में अटल टनल मनाली से लेह तक बनाने की योजना शुरू हुई थी. इसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है.
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में चिन्हित क्षेत्रों में 5 वर्षों की अवधि के लिए 6000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अटल जल योजना को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे कहा कि एक अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना होगी. जनगणना में किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. जो भी इंडिया में रहता है. उसकी गणना होगी. इसके लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है.
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