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भारत में चल रहा था मानव तस्करी का गिरोह, गरीब महिलाओं को ऐसे बनाते थे शिकार

सऊदी अरब में भारतीय महिलाओं के अंगों की भी तस्करी हो रही थी. भारत के कई राज्यों की महिलाएं अब तक इस रैकेट में फंस चुकी हैं. आइबी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि तस्करी के इस गिरोह के तार कई आतंकी संगठनों से भी जुड़े हैं.

Updated on: 13 Apr 2019, 08:42 AM

नई दिल्ली:

इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने भारत से विदेशों के लिए महिलाओं और मानव अंग की तस्करी करने वाले एक बड़े इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा किया है. सूत्रों की माने तो पुलिस ने लखनऊ में इस रैकेट से जुड़ी एक महिला को गिरफ्तार किया जिसका नाम रोमाना बेगम बताया जा रहा है. पुलिस ने रोमाना को लखनऊ से गिरफ्तार किया, जहां वो किसी महिला को सऊदी अरब के लिए बेचने की तैयारी में थी. पुलिस ने बताया कि आरोपी रोमाना त्रिपुरा की किसी महिला को बेचने के लिए लखनऊ लेकर आई थी जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

रोमाना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि सऊदी अरब में भारतीय महिलाओं के अंगों की भी तस्करी हो रही थी. भारत के कई राज्यों की महिलाएं अब तक इस रैकेट में फंस चुकी हैं. आइबी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि तस्करी के इस गिरोह के तार कई आतंकी संगठनों से भी जुड़े हैं. रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इस गिरोह के लोग गरीब महिलाओं को अपना टारगेट बनाते थे, इनसें से सबसे ज्यादा महिलाएं नॉर्थ-ईस्ट के अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, नगालैंड के अलावा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बंगाल से अपहरण करके लाईं जाती थीं.

गिरोह के लोग सबसे पहले इन महिलाओं को नौकरी का झांसा देते थे, जिसके बाद टूरिस्ट वीजा पर इन्हें सऊदी अरब सहित कई खाड़ी देशों में भेज दिया जाता था, जहां इन्हें देह व्यापार के लिए मजबूर कर दिया जाता था. फिर उन्हें नशीली दवाइयां खिलाकर इनके शरीर के अंगों को निकाल लिया जाता था यह गिरोह इन अंगों को ऊंची कीमत पर बेचता था. रोमाना ने बताया यह गिरोह उम्रदराज महिलाओं को भी अपना शिकार बनाता था, ऐसी महिलाओं को गिरोह खाड़ी देशों में बेचता था जहां इन महिलाओं का खून और कॉर्निया तक निकाल कर बेच लिया जाता था.

गिरफ्तार रोमाना बेगम ने पुलिस को बताया कि उन्हें एक महिला को बेचने के लिए 30 से 40 हजार रूपए मिलते थे जिसमें महिला का पासपोर्ट वीजा और मेडिकल का खर्च होता था. एक महिला के लिए रोमाना को 10 हजार से 20 हजार तक कमीशन मिलता था. रोमाना ने बताया कि वो खुद इस गिरोह में तस्करी का शिकार हो चुकी थी जिसके बाद गिरोह ने इसे भी अपने साथ शामिल कर लिया. वह गिरोह के ही एक सदस्य अमानुद्दीन उर्फ अहमद के साथ लिव-इन में रहने लगी.