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ईरान के शीर्ष कमांडर के मारे जाने के बाद भारतीय विमानों को ईरानी हवाई मार्ग से बचने के निर्देश

सतर्कता से काम लेते हुए मोदी सरकार ने भारतीय विमानों को निर्देश दिए हैं कि वे ईरानी हवाई मार्ग का इस्तेमाल करने से बचें.

Updated on: 03 Jan 2020, 06:09 PM

highlights

  • भारतीय विमानों को ईरानी हवाई मार्ग के इस्तेमाल से बचने के निर्देश.
  • अमेरिका और ईरान के संबंध तनाव के अपने चरम पर पहुंचे.
  • रूस, चीन समेत अन्य देशों ने अपनी विदेश नीति के लिहाज से स्टैंड लिया.

नई दिल्ली:

मध्य-पूर्व के हालातों में शुक्रवार को एक बड़ा मोड़ आया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले में मार दिया गया. इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका और ईरान के संबंध तनाव के अपने चरम पर पहुंच गए हैं. साथ ही दुनिया भर में असमंजस का माहौल है. ऐसे में सतर्कता से काम लेते हुए मोदी सरकार ने भारतीय विमानों को निर्देश दिए हैं कि वे ईरानी हवाई मार्ग का इस्तेमाल करने से बचें. रूस, चीन समेत पाकिस्तान और अन्य देशों ने इस प्रकरण पर अपनी-अपनी विदेश नीति के लिहाज से स्टैंड लिया है.

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बगदाद में मारे गए कासिम सुलेमानी
इराक की राजधानी बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार को अमेरिकी हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई. ईरान और अमेरिका ने इस सूचना की पुष्टि की है. इस नाटकीय घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है. इससे कुछ ही दिन पहले ईरान समर्थक भीड़ ने इराक में अमेरिकी दूतावास की घेरेबंदी की थी. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ईरान सरकार की वेबसाइट पर पोस्ट किए एक बयान में कहा, 'इस बात में कोई शक नहीं है कि महान राष्ट्र ईरान और क्षेत्र के अन्य आजाद देश अपराधी अमेरिका के इस जघन्य अपराध का बदला लेंगे.'

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ईरान ने बदला लेने का संकल्प लिया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में शुक्रवार को हुई मौत का 'कड़ा प्रतिशोध' लेने का संकल्प लिया और देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की. खामेनेई ने ट्वीट किया, 'इन सभी वर्षों में उनके निरंतर प्रयासों का पुरस्कार शहादत थी. अल्लाह की मर्जी से उनके जाने के बाद भी उनका काम और उनकी राह नहीं रुकेगी. उन गुनाहगारों से भयंकर बदला लिया जाएगा जिन्होंने अपने हाथ उनके और अन्य शहीदों के खून से कल रात रंगे हैं.' उन्होंने कहा कि सुलेमानी की मौत ने 'अमेरिका की दादागिरी के खिलाफ खड़े होने और इस्लामी मूल्यों की रक्षा करने' की ईरान राष्ट्र और अन्य आजाद देशों की इस प्रतिबद्धता को दोगुना कर दिया है.