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ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा पाकिस्तान सेना के संरक्षण में थाः रक्षा विशेषज्ञ

इस बात की पूरी संभावना है कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा पाकिस्तान सेना की 'सुरक्षात्मक देखभाल' के संरक्षण में था. अब उसकी मौत अमेरिका से फायदा उठाने की सोच रहे पाकिस्तान हुक्मरानों के लिए एक बड़ा झटका है.

Updated on: 15 Sep 2019, 08:41 AM

highlights

  • हमजा को जवाहिरी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था.
  • अब अमेरिका पाकिस्तान को बहुत ज्यादा महत्व देने वाला नहीं.
  • हमजा की मौत तालिबान के लिए भी एक गहरा झटका.

नई दिल्ली:

भारतीय रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार इस बात की पूरी संभावना है कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा पाकिस्तान सेना की 'सुरक्षात्मक देखभाल' के संरक्षण में था. अब उसकी मौत अमेरिका से फायदा उठाने की सोच रहे पाकिस्तान हुक्मरानों के लिए एक बड़ा झटका है. हमजा की मौत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका पाकिस्तान को बहुत ज्यादा महत्व देने वाला नहीं है. खासकर पाकिस्तान जब आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका से हरसंभव मदद हासिल करने का तलबगार है और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है.

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तालिबान के लिए गहरा झटका
भारतीय रक्षा विशेषज्ञ एसपी सिन्हा के मुताबिक हमजा अपने पिता ओसामा की तरह ही आतंकवाद के रास्ते पर चल रहा था. हमजा को अमेरिका के आतंकवाद रोधी अभियान के तहत मार गिराया गया. इसकी पुष्टि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके दी. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक करीब डेढ़ महीने बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकी ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन के मारे जाने की पुष्टि की. हमजा की मौत से साफ पता चलता है कि अमेरिका अब पाकिस्तान को तवज्जो देने के मूड में कतई नहीं है. हमजा की मौत अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान के लिए भी एक गहरा झटका है.

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हाफिज सईद-मसूद अजहर को भी मारा जाए
इसके साथ ही रक्षा विशेषज्ञ एसपी सिन्हा ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब दुनिया के अग्रणी देश हाफिज सईद, सैय्यद सलाहुद्दीन और मसूद अजहर सरीखे वैश्विक आतंकवादियों को भी अंजाम तक पहुंचाए. दुनिया को अगर शांति से जीना है, तो इन्हें इसलिए भी मारे जाने की जरूरत है. इसके लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस प्रयासों में लगा है कि वह अफगान शांति बहाली में येन-केन प्रकारेण अपनी उपयोगिता सिद्ध कर सके. अब जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी तय है, तो तालिबान को हाशिये पर लाना ही होगा.

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पाक सेना के लिए कीमती नगीना था हमजा
एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा के मुताबिक हमजा बहुत तेजी से अल-कायदा नेता के तौर पर उभर रहा था. उसे पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान ने बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बतौर तैयार किया था. इसके जरिये पाकिस्तान अपनी आतंक नीति को और विस्तार देना चाहता था. आगा के मुताबिक ओसामा बिन लादेन, हमजा बिन लादेन और अल-कायदा का वर्तमान प्रमुख अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान सैन्य प्रतिष्ठान के लिए कीमती नगीने ही रहे.

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अफगानिस्तान आतंकियो को बन रहा फिर से गढ़
उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जब पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डाला था तो पाकिस्तान सेना और आईएसआई ने अल-कायदा के आतंकियों को पाकिस्तान-अफगानिस्तान इलाके में शिफ्ट कर दिया. यह वह इलाका है जिसकी सुरक्षा का बंदोबस्त और जिम्मेदारी पाकिस्तान की सेना की ही है. गौरतलब है कि हमजा को आखिरी बार 2018 में देखा गया था. वह जवाहिरी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था. यही वजह है कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने हमजा पर 7 करोड़ रुपए का इनाम रखा हुआ था.