पाकिस्तान-चीन सीमा पर भारतीय जवानों की मारक क्षमता हुई तेज, मिली SiG 716 असॉल्ट राइफल
लंबी दूरी लगभग 500 मीटर तक मार करने की क्षमता के कारण सेना के लिए यह असॉल्ट राइफल काफी मारक साबित होंगी. खासकर पाकिस्तान सीमा पर बैट और आतंकियों से जुड़े अभियानों में इनकी उपयोगिता को कम करके नहीं आंका जा सकता.
highlights
- 15 साल के इंतजार के बाद भारतीय सेना को मिली आधुनिक असॉल्ट SiG 716 राइफल.
- 10 हजार राइफलों की पहली खेप जम्मू-कश्मीर में सीमा पर तैनात जवानों को दी गईं.
- 700 करोड़ रुपए में 72 हजार SiG 716 असॉल्ट राइफल का सौदा किया था.
New Delhi:
भारतीय सेना ने 15 साल पहले अमेरिकी असॉल्ट राइफल मांगी थी, जो डेढ़ दशक के इंतजार के बाद अब पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को मुहैया हुई हैं. लंबी दूरी लगभग 500 मीटर तक मार करने की क्षमता के कारण सेना के लिए यह असॉल्ट राइफल काफी मारक साबित होंगी. खासकर पाकिस्तान सीमा पर बैट और आतंकियों से जुड़े अभियानों में इनकी उपयोगिता को कम करके नहीं आंका जा सकता. इनके मिलने से चीन सीमा पर भी सुरक्षा पंक्ति और सुदृढ़ हुई है. अमेरिका की दस हजार SiG 716 असॉल्ट राइफल की पहली खेप बीते दिनों ही जम्मू-कश्मीर सीमा पर तैनात जवानों के सुपुर्द की गई है. दस हजार राइफल की अगली खेप भी जल्द ही पहुंच जाएगी.
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घातक कारतूस से मारक क्षमता बढ़ी
भारतीय सेना लंबे समय से ऐसी आधुनिक राइफलों की तलाश में थी, जिनकी मारक क्षमता तो घातक हो ही, साथ ही वह लंबी दूरी मार करने में भी सक्षम हों. फिलहाल भारतीय सेना के जवान इंसास में 5.56 गुणे 45 एमएम का कारतूस इस्तेमाल करते हैं, जबकि SiG 716 असॉल्ट राइफल में कहीं अधिक घातक 7.62 गुणे 51 एमएम का कारतूस इस्तेमाल होता है. भारतीय सेना के लिए अमेरिकी असॉल्ट राइफल की मांग और उपयोगिता को देखते हुए ही सरकार ने फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत अमेरिका से 700 करोड़ रुपए में 72 हजार SiG 716 असॉल्ट राइफल का सौदा किया था. इसकी पहली खेप मिल चुकी है. अमेरिकी असॉल्ट राइफल के बलबूते भारतीय जवानों को पाकिस्तान और पीओके में आतंक रोधी अभियानों में कहीं अधिक मारक क्षमता हासिल हो गई है.
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रूस के सहयोग से बनी एके-203 भी मिलेंगी
इन आधुनिक असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति अमेरिकी कंपनी सिग सॉर ने की है. भारत से अनुबंध के तहत एक साल के भीतर 72 हजार असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति करनी हैं. इन आधुनिक राइफलों में से 66 हजार भारतीय सेना के जवानों को दी जाएंगी. भारतीय नौसेना को 2 हजार और शेष 4 हजार SiG 716 असॉल्ट राइफल भारतीय वायुसेना को सुपुर्द की जाएंगी. इसके अलावा भारतीय सशस्त्र बल को मजबूत करने के लिए भारत रूस के सहयोग से 7 लाख एके-203 असॉल्ट राइफल का निर्माण भी करेगा. उत्तर प्रदेश के कोरबा हथियार फैक्ट्री में राइफल्स तैयार किए जाएंगे. इनके निर्माण के लिए 12,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एके-203 राइफल्स को लोकप्रिय एके-47 की आधुनिक कड़ी कहा जा सकता है.
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