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Army Day 2020: 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है सेना दिवस, जानें इसका महत्व और इतिहास

देश में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day 2020) मनाया जाता है. बता दें कि आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना (Indian Army) की कमान ली थी.

Updated on: 15 Jan 2020, 09:58 AM

नई दिल्ली:

देश में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day 2020) मनाया जाता है. बता दें कि आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना (Indian Army) की कमान ली थी. करियप्पा भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ थे. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है. 

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देश की राजधानी दिल्ली में परेड और अन्य सैन्य झलकियों के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. इस समारोह में आर्मी कमांड के सभी छह मुख्यालय हिस्सा लेते हैं. आर्मी डे पर देश के उन बहादुर और साहसी सैनिकों को याद किया जाता है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिया.

भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था. वहीं साल 2013 में उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए चलाया जाने वाला 'ऑपरेशन राहत' दुनिया का सबसे बड़ा सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन था, जिसमें भारतीय सेना का मुख्य और बड़ा योगदान था.

जानें करियप्पा के बारे में

मार्शल करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था. उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी की शुरुआत की थी. उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था. इसके साथ ही देश के बंटवारे के समय करियप्पा को भारत-पाक की सेनाओं की बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 195 में वो सेना से रिटायर हो गए थे. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी. 

भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक सिर्फ दो अधिकारियों को दिया गया है. देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं, उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल पद से सम्मानित किया था. वहीं एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे, जिन्हें साल 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था.

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वहीं इस बार का आर्मी डे और भी ज्यादा खास होने वाली है क्योंकि पहली बार आर्मी परेड का एक महिला अधिकारी नेतृत्व करेगी. आर्मी डे परेड में पुरुषों की सैन्य टुकड़ी हिस्सा लेगी, जिसे चौथी पीढ़ी की महिला अधिकारी तानिया शेरगिल संभालेंगी.

तानिया शेरगिल सेना के सिग्नल कोर में कैप्टन हैं जिन्हें इस बार परेड की अगुवाई करने की जिम्मेदारी मिली है. बता दें कि तानिया शेरगिल मार्च 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग एकाडेमी से सेना में शामिल हुई थी. वहीं उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशंस में बीटेक किया हुआ है.