logo-image

भारत ने अमेरिका को चेताया, कश्मीर मुद्दे पर किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं : रवीश कुमार

रवीश कुमार ने अमेरिका को चेताते हुए कहा, कि मैं एक बार फिर से दोहराता हूं कि इस मामले में हमें किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका की कोई जरूरत नहीं है.

Updated on: 23 Jan 2020, 04:46 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) द्वारा कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) पर टिप्पणी किए जाने के बाद भारत सरकार (India Government) ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (MEA Spokesperson Ravish Kumar) ने इस मुद्दे पर अमेरिका को जवाब देते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दा देश का आंतरिक मामला है इसे हम अपने पड़ोसी देश के साथ मिलकर सुलझा लेंगे हम एक बार फिर से इस बात को बताना चाहूंगा कि कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, कश्मीर मुद्दे और इस मुद्दे पर मध्यस्थता को लेकर हमारा स्टैंड पूरी तरह से स्पष्ट है. मैं एक बार फिर से दोहराता हूं कि इस मामले में हमें किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका की कोई जरूरत नहीं है.

आपको बता दें कि इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश पर सरकार के सूत्रों ने बुधवार को कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की किसी भी भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं है. गौरतलब हो कि भारत का पिछले कई सालों से इस बात पर अपना रुख जाहिर करता आया है कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है इसमें किसी भी तीसरे पक्ष को कोई हस्तक्षेप करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. 

यह भी पढ़ें- RepublicDay: दिल्ली में फुल ड्रेस रिहर्सल को लेकर यातायात परामर्श जारी

आपको बता दें कि मंगलवार को दावोस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मीडिया को संबोधित किया था. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि वो कश्मीर से जुड़े हर घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. इस बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस विवाद को सुलझाने में मदद की पेशकश दोहराई थी. जिसके बाद गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालयल के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भारत सरकार का पक्ष रखते हुए एक बार फिर से दोहराया कि कश्मीर भारत पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है इस पर किसी भी तीसरे देश के मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें- नागरिकता संशोधन कानून पर झूठ फैला रही कांग्रेस : केशव प्रसाद मौर्य

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात की हो. पिछले पांच महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत-पाक को मदद करने की यह पेशकश चौथी बार की है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत इस मामले में अपना स्पष्ट और सतत रुख बनाए हुए है वो लगातार यही बात दोहरा रहा है कि कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.