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2022 तक 200 गीगावॉट से अधिक अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा भारत

बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि हमने 2022 तक 175 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. हम इस लक्ष्य को हासिल करने के करीब हैं.

Updated on: 12 Nov 2019, 02:36 PM

दिल्ली:

बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने भरोसा जताया है कि 2022 तक भारत 200 गीगावॉट से अधिक की अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा. भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने सोमवार को ब्राजील के ब्रासिलिया में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने 2022 तक 175 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. हम इस लक्ष्य को हासिल करने के करीब हैं.

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मौजूदा समय में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 83 गीगावॉट

मंत्री ने कहा, ‘‘अभी अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 83 गीगावॉट की है, 31 गीगावॉट की क्षमता लगाई जा रही है. 35 गीगावॉट बोली की प्रक्रिया में है. इस तरह यह करीब 140 से 145 गीगावॉट तक बैठता है. पनबिजली की हमारी स्थापित क्षमता 45 गीगावॉट है. 13 गीगावॉट क्षमता लगाई जा रही है. इस तरह पनबिजली क्षमता करीब 60 गीगावॉट बैठती है. ऐसे में हम 2022 तक 200 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता को पार कर जाएंगे.

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2030 में बिजली उत्पादन क्षमता में से 55 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से होगी

सिंह ने कहा कि 2030 में देश में स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में से 55 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से होगी. उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता का लक्ष्य 40 प्रतिशत का रखा है, लेकिन हम इसके पार निकल जाएंगे’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के जलवायु सम्मेलन में कहा है कि 2030 तक हम 450 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करेंगे. ऐसे में हम तेजी से कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

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परफॉर्म अचीन एंड ट्रेड (पीएटी) योजना का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि योजना के पहले चरण में भारत ने 86.3 लाख टन तेल के बराबर बिजली बचाई है. दूसरे दौर में हम ऊर्जा खपत में हर साल 30 लाख टन की कमी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. पीएटी योजना के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने नामित ग्राहकों के लिए बिजली बचत का लक्ष्य तय किया है.