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पाकिस्तानी उप-उच्चायुक्त को भारत सरकार ने किया तलब, फायरिंग पर जताया कड़ा विरोध

भारत ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के फायरिंग में मारे गए पांच नागरिकों का कड़ा विरोध जताते हुए पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध जताया।

Updated on: 19 Mar 2018, 08:49 PM

highlights

  • भारत ने पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध जताया
  • रविवार को पाक की फायरिंग में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी
  • साल 2018 में पाकिस्तानी फायरिंग में अब तक 23 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है

नई दिल्ली:

भारत ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना के फायरिंग में मारे गए पांच नागरिकों का कड़ा विरोध जताते हुए पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध जताया।

भारत ने उप-उच्चायुक्त को बुलाकर पाकिस्तानी फायरिंग की इस घटना को काफी निंदनीय बताया है। बता दें कि रविवार को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी उप-उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को बताया गया कि इस तरह की जघन्य घटना मानवता और प्रोफेशनल सैन्य नियम के भी खिलाफ है।

मंत्रालय ने कहा, 'उप-उच्चायुक्त को कहा गया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पास रह रहे निर्दोष लोगों को हथियारों से निशाना बनाना अत्यंत दर्दनाक है और भारत इसकी कड़ी निंदा करता है।'

मंत्रालय ने साल 2018 ंमें पाकिस्तान द्वारा लगातार की जा रही फायरिंग का कड़ा विरोध किया। साल 2018 में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आसपास 560 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है जिसमें 23 भारतीय नागरिकों की मौत हुई और 70 लोग घायल हो चुके हैं। 

गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा सुबह दागा गया गोला पुंछ जिले के बालकोट क्षेत्र के देवता गांव में एक नागरिक के घर पर गिरा था, जिसमें मुहम्मद रमजान चौधरी, उनकी पत्नी मल्का बी और तीन बेटों की मौत हो गई।

पुलिस ने कहा था, 'उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हुईं हैं। उन्हें हवाईमार्ग से जम्मू शहर के सुपर स्पेशियालिटी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।'

रविवार को पुलिस ने कहा था कि पाकिस्तानी गोलीबारी व गोलाबारी में इलाके में पांच सैनिक भी घायल हुए थे।

भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई और दोनों पक्षों की गोलाबारी के बाद इलाके के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

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