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करतारपुर कॉरिडोर को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए भारत 500 करोड़ रुपये खर्च करेगा

करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने वर्ष 1522 में स्थापित किया था.

Updated on: 12 Jul 2019, 05:13 PM

highlights

  • करतारपुर कॉरीडोर पर वार्ता के लिए दोनो देश तैयार
  • भारत और पाकिस्तान तेजी से कर रहे हैं काम
  • सिख श्रद्धालु बिना वीजा के भी दर्शन कर सकेंगे

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में स्थित करतारपुर कॉरीडोर पर भारत और पकिस्तान के विशेषज्ञ मसौदे पर चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. दोनों देशों के विशेषज्ञ रविवार (14 जुलाई) को वाघा बॉर्डर पर बैठक करेंगे. दोनों देशों के विशेषज्ञ करतारपुर कॉरीडोर के तकनीकि मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. भारत करतारपुर कॉरिडोर को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करेगा. आपको बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा. इसके साथ ही भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के भी इस तीर्थस्थल पर आसानी से आ सकेंगे. करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने वर्ष 1522 में स्थापित किया था.

आपको बता दें कि भारत सरकार भी गुरु नानक देव की 550वीं वर्षगांठ के अवसर पर चाहता है कि दोनों ओर से करतारपुर कॉरीडोर का रास्ता दोनों देशों की तरफ से साफ हो जाए ताकि श्रद्धालु आसानी से यहां आ सकें. इस वार्ता के लिए भारत अपनी तरफ से पूरी उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहा है. आपको बता दें कि भारत इस तीर्थस्थल पर जाने के लिए विशेष अवसरों और त्योहारों पर लगभग 10,000 तीर्थयात्रियों और प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों को यहां अपनी तरफ से पूरा सहयोग देने की तैयारी में लगा हुआ है.

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भारत की ओर से करतारपुर कॉरीडोर को लेकर आगामी अक्टूबर तक काम पूरा होने की संभावना है. आपको बता दें कि पाकिस्तान स्थित गुरु नानक साहिब के गुरुद्वारा डेरा साहिब करतारपुर जाना चाह रहे भारत के तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आसान रास्ता मुहैया करवाने के लिए भारत इस काम को बहुत तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रहा है. वहीं सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान अपनी ओर से इस काम के लगभग 70 फीसदी हिस्से को पूरा कर चुका है.

एमएस सिरसा ने पाक पीएम को किया आमंत्रित
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रबंधक एमएस सिरसा ने 25 जुलाई को पाक पीएम को गुरुद्वारा नानकाना साहिब (पाक में) आमंत्रित किया और उन्हें उम्मीद है कि वह इस आमंत्रण को स्वीकार करेंगे. हम गुरु नानक देव जी के दर्शन का पालन करते हैं, हमारा मानना है कि यह दोनों देशों के सरकारों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए बहुत ही सुनहरा अवसर है.  

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