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भारत तेल आयात निर्भरता में 2022 तक 10 प्रतिशत की कमी लाने के रास्ते पर: प्रधान

एक कार्यक्रम में प्रधान ने संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘हम रास्ते पर है. हम लक्ष्य हासिल करेंगे.’’

Updated on: 06 Nov 2019, 05:35 PM

नई दिल्ली:

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि सरकार 2020 तक तेल आयात पर निर्भरता में 10 प्रतिशत की कमी लाने के रास्ते पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2015 में ‘ऊर्जा संगम’ में कहा था कि भारत को तेल आयात पर निर्भरता 2013-14 के 77 प्रतिशत के स्तर से घटाकर आजादी की 75वीं वर्षगांठ 2022 तक 67 प्रतिशत पर लाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा था कि इस निर्भरता में 2030 तक आधे की कटौती की जा सकती है.

पेट्रोलियम मंत्रालय की पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार हालांकि खपत में तीव्र गति से वृद्धि तथा घरेलू उत्पादन के स्थिर रहने के कारण देश की तेल आयात पर निर्भरता 2018-19 में बढ़कर 83.7 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो 2017-18 में 82.9 प्रतिशत थी. एक कार्यक्रम में प्रधान ने संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘हम रास्ते पर है. हम लक्ष्य हासिल करेंगे.’’

सरकार जैव-ईंधन के उपयोग को बढ़ाने के साथ कच्चे तेल एवं गैस का घरेलू उत्पादन में वृद्धि तथा आयात कम करने पर ध्यान दे रही है. प्रधान ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को बढ़ाकर 6 प्रतिशत किया गया है और 2022 तक इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि साथ ही 5,000 कम्प्रेस्ड बायो-गैस संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं जो फसलों की डंठल, पत्ती और कूड़ा करकट को ईंधन में तब्दील करेंगे. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा वैकल्पिक ईंधन के उपयोग से आयात पर निर्भरता में कमी लाने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि निजी और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिये पिछले पांच साल में खोज नियमों में भी बदलाव लाये गये हैं.