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जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत ने मलेशिया सरकार से किया अनुरोध

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने एक बार फिर मलेशिया सरकार से औपचारिक तौर पर अनुरोध किया है.

Updated on: 13 Jun 2019, 06:54 AM

नई दिल्ली:

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने एक बार फिर मलेशिया सरकार से औपचारिक तौर पर अनुरोध किया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत इस मामले को मलेशिया के सामने आगे भी उठाता रहेगा. बता दें कि हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा था कि न्याय ना मिलने की स्थिति में जाकिर नाईक का प्रर्त्यपण नहीं किया जाएगा.

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प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने विवादित इस्लामिक धर्म उपदेशक जाकिर नाईक (Zakir Naik) और अन्‍य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. ईडी (ED) ने अपराध के मार्फत इकट्ठा हुए आय के रूप में 193.06 रुपये की पहचान की है. इससे पहले ईडी ने 22 दिसंबर 2016 को जाकिर नाईक और अन्‍य के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्‍ट (Money Laundering Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया था. ईडी ने 50.24 करोड़ की उसकी संपत्‍ति अटैच भी की है.

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इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जाकिर नाईक की 16.40 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त की थी. तब ईडी ने एक बयान में कहा था, 'धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुंबई और पुणे में नाईक की संपत्ति को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था.'

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जाकिर नाईक के खिलाफ ईडी जांच कर रही हैं. इस मामले में ईडी के द्वारा अब तक जब्त की गई कुल संपत्तियों का मूल्य 50.49 करोड़ रुपये है. ईडी ने मुंबई में फातिमा हाईट्स और आफिया हाईट्स, भांडुप इलाके में एक गुमनाम प्रोजेक्ट और पुणे में एनग्रेसिया नाम के प्रोजेक्ट की पहचान की थी. एजेंसी ने कहा कि इसका खुलासा ईडी द्वारा स्थापित मनी ट्रेल से किया गया.