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रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय फायदे की भागीदारी करने पर भारत का जोर: राजनाथ सिंह

डिफेंस एक्सपो 2020 को लेकर राजदूतों की गोलमेज बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक्सपो न सिर्फ भागीदार देशों को अपने उत्पाद का प्लेटफॉर्म प्रदर्शित करने का अवसर देगा

Updated on: 04 Nov 2019, 10:08 PM

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र घरेलू तथा बाहरी बाजारों में उद्योग लगाने के लिये दोस्ताना संबंध वाले देशों के साथ द्विपक्षीय फायदे वाली भागीदारी करने की संभावनायें तलाश रहा है. उन्होंने डिफेंस एक्सपो 2020 को लेकर राजदूतों की गोलमेज बैठक में कहा कि यह एक्सपो न सिर्फ भागीदार देशों को अपने उत्पाद का प्लेटफॉर्म प्रदर्शित करने का अवसर देगा, बल्कि वे परिचालन लक्ष्य को पाने के लिये भारत के रक्षा क्षेत्र की मजबूती तथा क्षमता जानने में भी सक्षम होंगे. यह प्रदर्शनी अगले साल उत्तर प्रदेश में आयोजित होगी. रक्षा मंत्रालय के वक्तरू में यह जानकारी दी गई है.

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रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘डिफेंस एक्सपो’’ देशों के बीच भागीदारी को बढ़ाने तथा साझा समृद्धि का हिस्सा होने का अवसर देगा. ये मजबूत संबंध निवेश बढ़ाएंगे, विनिर्माण को विस्तृत करेंगे, प्रौद्योगिकी के स्तर को ऊपर उठाएंगे और संबंधित देशों की आर्थिक वृद्धि को गति देंगे. भारत का रक्षा क्षेत्र परिपक्व हो चुका है और घरेलू तथा बाहरी बाजार में उद्योग लगाने के लिये दोस्ताना देशों के साथ द्विपक्षीय फायदे वाली भागीदारियों की तलाश कर रहा है.’’

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रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न देशों के दूतावास के प्रतिनिधियों को डिफेंस एक्सपो के लिये की गयी तैयारियों की जानकारी देने तथा अनुभव को और बेहतर बनाने के लिये उनसे सुझाव पाने के लिये इस बैठक का आयोजन किया गया. ग्यारहवां डिफेंस एक्सपो पांच से आठ फरवरी तक लखनउ में आयोजित होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम से 2025 तक विमानन एवं रक्षा क्षेत्र के माल एवं सेवाओं से 26 अरब डॉलर का टर्नओवर हासिल करने के सरकार के इरादे का पता चलेगा.

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उन्होंने कहा कि इस दौरान उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु में बनने वाले रक्षा उद्योग गलियारे को लेकर सरकार की योजनाओं का भी पता चलेगा. इन गलियारों के लिये पहले ही करीब एक अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा किये गये नीतिगत सुधारों के कारण सरकारी तथा निजी क्षेत्र दोनों में रक्षा उत्पादन 2018-19 में 80,502 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. उन्होंने 2019-20 के लिये 90 हजार करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य तय किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2018-19 में निर्यात से करीब 10,700 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य प्राप्त किया है. इसे 2019-20 में 15 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य तय किया गया है.’’