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भारत-चीन संबंधों के लिए सीमा विवाद से जुड़े पेंच तेजी से सुलझाना जरूरी, डोभाल-वांग यी बैठक

चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अजित डोभाल के बीच हुई वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा से जुड़े मुद्दों का उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए प्रयास को तेज करने का संकल्प लिया.

Updated on: 22 Dec 2019, 07:23 AM

highlights

  • भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे और आपसी संबंधों को लेकर कई मुद्दों पर सहमति बनी.
  • चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अजित डोभाल के बीच हुई वार्ता
  • इस दौरान द्विपक्षीय विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे और आपसी संबंधों को लेकर कई मुद्दों पर सहमति बनी. इस मीटिंग के बाद भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने जोर देकर कहा कि जरूरी है कि दोनों देश इन समझौतों को पूरी तरह से लागू करें. डोभाल ने यह भी कहा दोनों देश बातचीत के आधार पर सीमा से जुड़ें सवालों के हल निकालने की कोशिश करें. इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अजित डोभाल के बीच हुई वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा से जुड़े मुद्दों का उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए प्रयास को तेज करने का संकल्प लिया.

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डोभाल का सीमा विवाद निपटारे पर जोर
मीटिंग के बाद डोभाल ने कहा, 'द्विपक्षीय रिश्तों के विकास और सीमा विवाद के निपटारे के लिए दोनों देशों के नेताओं ने एक नया विजन और रणनीतिक नजरिया पेश किया है.' अजित डोभाल ने आगे कहा, 'जरूरत है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों और आपसी सहमति को पूरी तरह से लागू किया जाए. साथ ही रणनीतिक संवाद को मजबूत करके चर्चा के माध्यम से सीमा के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश को. इससे दोनों देशों के संबंधों के सुधार और विकास में मदद मिलेगी.'

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रचनात्मक रही बातचीत
दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की इस बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि बातचीत रचनात्मक रही. इस दौरान द्विपक्षीय विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस बात पर आम सहमति बनी कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संवेदनशीलता और सरोकारों का सम्मान करना चाहिए. बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है. इस दौरान भारत-चीन संबंधों के सामरिक दृष्टिकोण से सीमा मुद्दे के महत्व को रेखांकित किया गया.

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तेजी से उभरते बाजार हैं चीन और भारत
मीटिंग के बाद चीन के विदेश मंत्री यांग वी ने कहा, 'यह मीटिंग दोनों देशों के बीच सीमा के मुद्दे पर चर्चा का चैनल भर नहीं है बल्कि यह एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक संवाद भी हो सके. दोनों ही देश तेजी से उभर रहे मार्केट का प्रतिनिधित्व करते हैं. दोनों ही देश विकास और बदलाव के ऐतिहासिक मोड़ पर हैं, ऐसे में दोनों ही देशों की रुचि भी लगभग एक जैसी है.' अजित डोभाल की ही बात को आगे बढ़ाते हुए वांग यी ने कहा, 'जरूरत है कि दोनों देश सीमा संबंधी मुद्दे पर सक्रियता दिखाएं. राजनीति और सिद्धांतों के आधार पर ऐसा फैसला किया जाए, जो तर्कपूर्ण हो और दोनों पक्षों को स्वीकार भी हो.'