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बीते पांच साल के दौरान सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की 151 शिकायतें मिलीं

नाइक ने बताया कि 2016 और 2017 में, कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की एक एक शिकायत ही सही पाई गई.

Updated on: 03 Feb 2020, 02:35 PM

नई दिल्ली:

सरकार ने सोमवार को बताया कि बीते पांच साल के दौरान सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की 151 शिकायतें मिलीं. रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 2015 में सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की 29 शिकायतें मिलीं. 2016 में ऐसी शिकायतों की संख्या 25, 2017 में 29, 2018 में 42 और 2019 में 26 थी.

नाइक ने बताया कि 2016 और 2017 में, कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की एक एक शिकायत ही सही पाई गई. रक्षा राज्य मंत्री ने हालांकि इस बात से इंकार किया कि सैन्य बलों में मानवाधिकार हनन के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2018 में सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की 42 शिकायतें मिलीं. जांच करने पर पता चला कि करीब 50 फीसदी आरोप छावनी सड़क बंद करने, चोट पहुंचाने, घरों को नुकसान पहुंचाने, उत्पीड़न के खिलाफ शिकायतें और सेवारत सैन्य कर्मियों या पूर्व कर्मियों अथवा नागरिकों द्वारा दर्ज विविध मुद्दों जैसे प्रशासनिक प्रकृति के थे.

नाइक के अनुसार, वर्ष 2015-19 के दौरान नौसेना तथा वायुसेना से मानवाधिकार उल्लंघन के किसी मामले की खबर नहीं है.

मानवाधिकार आयोग में यूपी पुलिस की शिकायत कर सकती है कांग्रेस

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi vadra) दिल्ली के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उत्तर प्रदेश पुलिस की शिकायत कर सकती है. प्रियंका गांधी यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान की गई पुलिस की कार्रवाई को लेकर शिकायत कर सकती हैं. प्रियंका के साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, नेता प्रतिपक्ष आराधना मिश्रा, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मौजूद होंगे.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सरकार के इशारे पर प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किया. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इसमें 18 से ज्यादा लोगों की जान चली गी थी. प्रियंका ने इसके बाद बिजनौर, मेरठ और वाराणसी में मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी.