'अगर नेहरू जी ने साहस दिखाया होता तो PoK भारत का हिस्सा होता'
यह काम देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी ने किया था जिसकी वजह से आज भी कश्मीर का एक हिस्सा आज PoK के नाम से जाना जाता है.
नई दिल्ली:
लोकसभा में ऑर्टिकल 370 पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला बोला. शाह ने आजादी के बाद कश्मीर में पाकिस्तान हमले का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी से सवाल किया कि जब 1947 में हमारी सेना कश्मीर में पाकिस्तानी कबीलाइयों को कश्मीर से बाहर खदेड़ रही थी और सेना का विजयी रथ आगे बढ़ता जा रहा था तब युद्ध विराम का निर्णय किसने किया था? यह काम देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी ने किया था जिसकी वजह से आज भी कश्मीर का एक हिस्सा आज PoK के नाम से जाना जाता है. अगर भारतीय सेना को उस वक्त छूट दी होती तो पूरा PoK भारत का हिस्सा होता.
शाह ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र में इस विषय को कौन लेकर गया, आकाशवाणी से गृह मंत्री को बगैर भरोसे में लिए हुए मसले को UN में ले जाया गया, यह काम भी नेहरूजी ने ही किया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि ये धारा 370 ही है जिसकी वजह से अलगववाद की भावना को पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में भड़का रहा है. उन्होंने आगे कहा कि 370 से इस देश के कानून की पहुंच वहां नहीं होती थी, जिसका पाकिस्तानी सेना पूरा फायदा उठाती थी.
इसके साथ ही अमित शाह ने धारा 371 पर भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि धारा 371 महाराष्ट्र के विकास से जुड़ा है उसे हम क्यों निकालेंगे. इससे कहीं भी देश की अखंडता और एकता बाधित नहीं होती, इसकी 370 से कोई तुलना नहीं की जा सकती. राज्यों के कुछ समस्याओं को 371 में रखा गया है और इनकी तुलना संभव नहीं है और हम इसे कतई हटाने नहीं जा रहे हैं.
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